नाम बदलने की राजनीतिः पूर्व की सरकारों के नाम हटाओ अपनी उपलब्धि में गिनाओ

देश मे लगातर नाम बदलने की रानीति हावी हो रही है। पूर्व की सरकारों के नाम हटाकर नए नाम को भी अपनी उपलब्धि बताई जा रही है। इस बार दिल्ली के नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया गया है। अब नेहरू मेमोरियल को पीएम मेमोरियल के नाम से पहचाना जाएगा। नाम बदलने पर कांग्रेस ने सरकार पर वार किया है। कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को अब प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा। यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह से किसी स्थान का नाम बदला गया है। पिछले नौ साल में कई सरकारी योजनाएं, प्रतीक, स्थान, सड़क और पुरस्कारों के नाम भी बदले जा चुके हैं। पिछले साल ही इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की जगह केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थपित की। भाजपा शासित राज्यों में कई जिलों के नाम भी बदल गए हैं। ऐसा लगने लगा है कि अब कांग्रेस मुक्त भारत ही नही बल्कि कांग्रेस से जुड़े सभी नामों को मिटाया जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या ये संभव है?

 

यह भी पढ़े: Noida: तीनों प्राधिकरणों पर डटे किसान, अब कैसे होगा विकास

नजर डालते है कि अब तक किस किस के नाम बदले गए है। राजीव गांधी खेल रत्नः भारत में खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। छह अगस्त 2021 को इस पुरस्कार का नाम बदलकर कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया गया है।
इंदिरा आवास योजनाः गरीबों के लिए मुफ्त आवास की योजना का नाम बदल कर 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया।
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का नाम एक जनवरी 2017 में बदलकर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना कर दिया गया। इस योजना में आर्थिक सहायता की रकम जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के हिसाब से दी जाती है।
राजीव ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कर दिया गया।
राजीव आवास योजना का नाम अब सरदार पटेल राष्ट्रीय शहरी आवास मिशन हो गया है। 2016 में सरकार ने इसे बदल दिया।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन का नाम अब योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) कायाकल्प- शहरी बदलाव अटल मिशन में बदल दिया गया है।

यह भी पढ़े: पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली सभी को अपनाने की जरूरत – अश्विनी कुमार चौबे

राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना अब इस योजना से राजीव गांधी का नाम हटा दिया गया है। इसे केवल पंचायत सशक्तिकरण योजना के नाम से जाना जाएगा।
राजीव गांधी फेलोशिप योजना का नाम में 2016 में हटा दिया गया। अब इसे केवल नेशनल फेलोशिप फॉर स्टूडेंट्स विद डिसैबिलिटीज कर दिया गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति के छात्रों को दिए जाने वाली फेलोशिप का नाम राजीव गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप योजना से बदलकर नेशनल फेलोशिप फॉर शेड्यूल कास्ट कर दिया गया है। राजपथ को कर्तव्य पथ नाम दिया गया। मुगल गार्डन को भी मिला नया नाम राष्ट्रपति भवन में मौजूद मुगल गार्डन को भी इस साल नया नाम मिल गया है। अब इसे अमृत उद्यान के नाम से जाना जाता है। इंग्लैंड में चल रहे केंद्र का नाम भी बदला 2017 में केंद्र सरकार ने इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिविर्सिटी में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी सेंटर ऑफ संस्टेनेबल डेवलपमेंट का नाम बदलकर ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर संस्टेनेबल डेवलपमेंट कर दिया है। कई शहरों के बदले केंद्र सरकार में भाजपा आने के बाद देश के कई राज्यों में राज्य सरकारों ने जिलों के नाम भी बदले हैं। खासतौर पर उन राज्यों ने जहां भाजपा की सरकार है। मसलन इलाहाबाद को प्रयागराज, फैजाबाद को अयोध्या, होशंगाबाद को नर्मदापुरम कर दिया गया है।

यहां से शेयर करें