Ayushman Yojana वाराणसी। दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बरकी ग्राम सभा में आयोजित हुये ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के अंतर्गत आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी छन्नुलाल से सीधे संवाद किया।
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सेवापुरी बिहड़ा गांव के निवासी छन्नुलाल (28) ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह साल 2005 में पेड़ से नीचे गिर गए थे, जिसके कारण मेरे बाएं पैर की कूल्हे की हड्डी टूट गयी थी। इससे मैं बहुत दुखी व परेशान था। प्राइवेट अस्पतालों में डेढ़ से दो लाख रुपये का खर्चा आ रहा था। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वह प्राइवेट में इलाज कराने के किए असमर्थ थे। मैं कई सालों तक ऐसे ही परेशान रहा लेकिन अभी कुछ माह पहले क्षेत्र की आशा दीदी से मुलाकात हुई तो उन्होंने मुझे आयुष्मान कार्ड के बारे में जानकारी दी। योजना के पात्र लाभार्थी होने से मेरा आयुष्मान कार्ड भी बन गया। इसी आयुष्मान कार्ड की मदद से इसी साल मेरा आठ सितंबर को मेरा बड़े चिकित्सालाय में निःशुल्क इलाज हुआ। अगर आयुष्मान कार्ड नहीं होता तो आज मैं अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता और न ही ठीक से चल पाता। इसके लिए मैं आपको (प्रधानमंत्री) कोटि-कोटि नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि अस्पताल से मिली दवा खा रहे हैं। लाभार्थी के हां कहने पर प्रधानमंत्री ने जन औषधि केंद्र से दवा लेने की बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि जन औषधि केंद्र में सबसे सस्ती दवाएं मिलती हैं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जन औषधि केंद्र से दवा लेने के बारे में बताएं। इसके साथ आयुष्मान भारत योजना के सभी लाभार्थियों को जल्द से जल्द आयुष्मान कार्ड बनाकर योजना के तहत निःशुल्क पांच लाख रुपये तक के उपचार का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। संवाद से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए स्टाल का भ्रमण किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने वहां तैनात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी से स्टालों पर दी जा रही सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। यहां पहला स्टॉल आयुष्मान भारत– प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का था एवं दूसरे स्टाल स्वास्थ्य शिविर से संबन्धित था, जिसमे आयुष्मान आरोग्य मंदिर में दी जाने वाली सेवाओं को प्रदर्शित किया गया था।
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