सेक्टर 164 में औद्योगिक इकाइयों को आवंटित किए भूखंड लेकिन मौके पर है अभी खेत
नोएडा को औद्योगिक नगरी कहा जाता है और यूपी का सबसे अधिक राजस्व भी नोएडा से ही सरकार प्राप्त करती है। नोएडा प्राधिकरण के चर्चे केवल यूपी में ही नहीं बल्कि देशभर में और विदेशों में भी सुने जा सकते हैं, लेकिन नोएडा प्राधिकरण की खामियों की वजह से अब लोग सवाल खड़े करने लगे हैं। आज सेक्टर 63 नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में एसीईओ ने औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक की जिसमें नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के साथ-साथ कई अन्य संस्थाओं ने भाग लिया। इस दौरान नोएडा इंटरव्यू एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने एसीईओ को बताया कि प्राधिकरण में सेक्टर 164 में ई आॅक्शन जरिए भूखंड आवंटित किए हैं। प्राधिकरण द्वारा साइट प्लान भी दिया गया, लेकिन मौके पर अभी खेती हैं। जल्द से जल्द उद्यमियों को भूखंड मुहैया कराए जाएं। एनजीटी के आदेश पर भी चर्चा हुई जिसमें डीजे सेट चलाने पर पाबंदी लगाई गई।
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इस दौरान उन्होंने बताया कि आईजीएल से जब कनेक्शन लेने जा रहे हैं, तो कहा जा रहा है कि नोएडा प्राधिकरण गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदने की अनुमति नहीं दे रहा है। औद्योगिक सेक्टरों में जगह-जगह सड़क के किनारे टेंपो ट्रक खड़े रहते हैं। जिसके चलते जाम लगता है। निर्धारित स्थान ट्रांसपोर्ट नगर है, वहीं खड़ा करने का आदेश दे। इसी क्रम में औद्योगिक क्षेत्र में नालियां और गंदगी की बात भी की गई और बताया गया कि गंदगी अधिक है। इस दौरान ट्रांसफर मेमोरेंडम पर भी नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने एसीईओ के साथ चर्चा की। कहा कि टीएम जारी कराते वक्त क्रेता से जीएसटी नंबर मांगा जाता है। जब तक क्रेता इकाई को कार्यशील नहीं करेगा, तब तक विभाग से जीएसटी नंबर नहीं देगा।
भवन क्रेता के लिए उस अवधि में अपनी इकाई का रजिस्ट्रेशन करवाकर प्राधिकरण को उपलब्ध कराना अनिवार्य ऐसे कई केस हैं प्राधिकरण में जो लंबित पड़े को अनावश्यक रूप से परेशानी हो रही है। सेक्टरों में जो वेंडिंग जोन बनाए गए हैं, वहां दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके चलते सड़कों पर जाम रहता है। प्राधिकरण सुनिश्चित करें कि यह दुकान और ना बढ़े। इस दौरान अन्य कई समस्याएं उठाई गई। जिसमें कार्यशील छोटे उद्योग हैं, जो 100 से 150 मीटर के हैं। उनके साथ कुछ जमीन खाली पड़ी है और किसी उपयोग में नहीं आ रही, ऐसे में जो उद्यमी यह जमीन लेना चाहते हैं। उनको आवंटित की जाए ताकि भविष्य में भी अपनी औद्योगिक इकाई का विस्तार कर सकें।
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वही एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने भी कई समस्याएं उठाई। उन्होंने कहा कि उद्योगों का नोएडा प्राधिकरण सहित अन्य 18 सरकारी विभागों में काम पड़ता है। प्राधिकरण ने औद्योगिक क्षेत्र को स्थापित किया इसलिए प्राधिकरण की जिम्मेदारी बनती है कि उद्योगों से जुड़े सरकारी विभागों समस्याओं का निस्तारण करवाने में अपनी जिम्मेदारी निभाई। सभी विभागों के सहयोग से ही सकते हैं, परंतु दुर्भाग्य इस बात का है कि विभागों से सहयोग किया जाता है इसलिए उद्योगों का विकास नहीं हो पाता।