पंजाब से ओम प्रकाश राय: पंजाब का खरड़ शहर चंडीगढ़ और मोहाली से नजदीक होने के कारण बाहरी राज्यों के लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदकर निवेश करने की पहली पसंद बन है। जिससे बाहरी राज्यों के लोगों ने खरड़ शहर और उसके आसपास संपत्ति खरीदकर अपना काफी पैसा निवेश किया है। जिसका अंदाजा खाली प्लॉटों को देखकर लगाया जा सकता है। लेकिन इसके उलट ये खाली पड़े मकान और दुकान के प्लॉट स्थानीय लोगों के लिए बीमारी का बड़ा कारण बन गए हैं।
खरड़ शहर के देसू माजरा कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि बाहरी राज्यों के कुछ लोगों ने यहां प्लॉट खरीद कर खाली छोड़ दिए हैं। लोग यहां कूड़ा फेंक रहे हैं। आए दिन घर का गंदा कूड़ा इन प्लॉटों में फेंका जा रहा है, जिससे डेंगू और चिकनगुनिया समेत अन्य बीमारियों के होने का डर स्थानीय लोगों में फैल रहा है।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस मामले की शिकायत उनके द्वारा क्षेत्र कोसलार और खरड़ समिति में कई बार दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। लोगों की मांग है कि इस फैलते प्रदूषण को रोकने के लिए चंडीगढ़ शहर की तर्ज पर इन खाली प्लॉट मालिकों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
वही कारण नगर निगम के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मनवीर सिंह गिल का इन खाली पड़े प्लॉटों को लेकर कहना है कि उन्हें इन खाली पड़े प्लॉटों में कूड़े और अन्य गंदगी जमा होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है, जिस पर वह कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही 2 लोगों की एक टीम बनाकर इन जगहों का सर्वे करायेगें कि खरड़ में कहां-कहां कौन से प्लाट खाली पड़े हैं और वहां कूड़ा जमा हो रहा है। पहले वह इन खाली पड़े प्लांटों से जल्द कूड़ा हटाने का काम नगर निगम खरड़ द्वारा करेंगे, इसके बाद प्लॉट के मालिकों का पता लगाकर उन्हें नोटिस जारी कर उन पर खाली पड़े प्लॉटों को व्यवस्थित नहीं करने के कारण जुर्माना लगाएंगे।
नियम के मुताबिक अगर चंडीगढ़ और मोहाली में कोई प्लॉट खाली रहता है, तो प्रशासन उसकी प्लाट मालिकों द्वारा उचित व्यवस्था ना करने पर कड़ी कार्रवाई करता है और उसे जब्त कर जुर्माना भी करता है जो कि चंडीगढ़ मोहाली में कानून के अनुरूप है। अब देखना होगा कि खरड़ प्रशासन और नगर निगम लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कितना चिंतित है और वह इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित हो सकें।