World Para Athletics Championships 2025: तेज रफ्तार, ऊंची छलांगों और अटूट जज्बे का तूफान दिल्ली की सड़कों पर छा गया है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का भव्य उद्घाटन समारोह हुआ, जो भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ। दुनिया भर से 1,000 से अधिक पैरा एथलीट यहां जुटे हैं, जो 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक 186 मेडल इवेंट्स में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। यह चैंपियनशिप भारत की मेजबानी में पहली बार हो रही है, जो एशिया में चौथा आयोजन है—इससे पहले दोहा (2015), दुबई (2019) और कोबे (2024) में हुआ था।
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शुभकामनाएं दीं। भारतीय दल के ध्वजवाहक के रूप में पेरिस पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट धरंबीर नैन (क्लब थ्रो) और डबल ब्रॉन्ज विनर प्रीति पाल (स्प्रिंट) ने तिरंगा फहराया, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा का प्रतीक बना। भारतीय पैरा एथलेटिक्स कमेटी (पीसीआई) के चेयरमैन सत्य नारायण ने कहा, “यह न सिर्फ खेल का उत्सव है, बल्कि दिव्यांगजनों की क्षमताओं को दुनिया के सामने लाने का मंच है। भारत का पैरा स्पोर्ट अब वैश्विक पटल पर चमक रहा है।”
73 सितारे, 4 पैरालंपिक चैंपियन
भारत ने 73 एथलीटों का मजबूत दस्ता भेजा है, जिसमें हरियाणा से सबसे ज्यादा 31 खिलाड़ी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश (12), गुजरात (5), महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तराखंड (प्रत्येक से 4) के बाद तमिलनाडु, तेलंगाना और अन्य राज्यों से भी योगदान है। पेरिस 2024 पैरालंपिक के चार गोल्ड मेडलिस्ट—सुमित अंतिल (जेवलिन थ्रो F64), धरंबीर नैन (क्लब थ्रो F51), नवदीप सिंह (जेवलिन F41) और प्रवीण कुमार (हाई जंप T64)—होम ग्राउंड पर हैट्रिक लगाने को बेताब हैं।
सुमित अंतिल, दुनिया के रिकॉर्ड होल्डर, दो बार के विश्व चैंपियन और पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट, जेवलिन में फिर से तहलका मचाने को तैयार हैं। प्रीति पाल, जो पेरिस में महिलाओं के 100 मीटर और 200 मीटर T35 में ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं, कोबे 2024 विश्व चैंपियनशिप में डबल ब्रॉन्ज के बाद यहां गोल्ड की दौड़ में हैं। नवदीप सिंह, जेवलिन F41 में कोबे में ब्रॉन्ज के बाद पहला विश्व गोल्ड चाहते हैं। वहीं, धरंबीर नैन क्लब थ्रो में डिफेंडिंग चैंपियन हैं और उद्घाटन में ध्वज फहराकर टीम का मनोबल बढ़ा चुके हैं।
अन्य उभरते सितारे जैसे रवि रंगोली (नेशनल चैंपियनशिप गोल्ड विनर) और अमीषा रावत (शॉट पुट F45/46) भी मेडल की दौड़ में हैं। पिछले कोबे चैंपियनशिप में भारत ने 17 मेडल (6 गोल्ड सहित) जीते थे, जो छठे स्थान पर रहने का आधार बना। पेरिस पैरालंपिक में एथलेटिक्स से 17 मेडल (4 गोल्ड) भारत की झोली में आए थे, जो कुल 29 मेडल्स में सबसे ज्यादा थे।
चैंपियनशिप में ट्रैक (T) और फील्ड (F) इवेंट्स शामिल हैं, जो दृष्टिबाधित (T/F11-13), बौद्धिक अक्षमता (T/F20), सेरेब्रल पाल्सी (T/F31-38) आदि श्रेणियों में बंटे हैं। स्विस व्हीलचेयर रेसर कैथरीन डेब्रूनर, जो पेरिस में 5 गोल्ड और T53 100 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड (15.20 सेकंड) बना चुकी हैं, यहां स्प्रिंट से मैराथन तक छाए रहेंगी। अमेरिकी ब्लेड जंपर एजरा फ्रेच, ऑस्ट्रेलियाई जेम्स टर्नर और डच फ्लोर जोंग जैसे सितारे ऊंची कूद और लॉन्ग जंप में तूफान लाएंगे।
मैस्कॉट ‘विराज’—एक ब्लेड प्रोस्थेसिस वाला उत्साही हाथी—और लोगो, जो भारतीय विरासत, कमल फूल और ब्रेल स्क्रिप्ट से प्रेरित है, इवेंट की थीम ‘शक्ति, आशावाद और लचीलापन’ को दर्शाता है। स्टेडियम में नया मोंडो ट्रैक बिछाया गया है, जो एथलीटों को रिकॉर्ड तोड़ने का मौका देगा।
यह आयोजन लॉस एंजिल्स 2028 पैरालंपिक साइकिल का पहला बड़ा इवेंट है। प्रसार भारती के डीडी स्पोर्ट्स और वेव्स ऐप पर लाइव टेलीकास्ट होगा। पीसीआई के अनुसार, 104 देशों से 2,200 एथलीट और स्टाफ यहां पहुंचे हैं, जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा पैरा स्पोर्ट इवेंट है।
यह चैंपियनशिप न सिर्फ मेडल्स की होड़ है, बल्कि दिव्यांगजनों की समाज में बदलती धारणा का प्रतीक भी। जैसा कि वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स हेड पॉल फिट्जगेराल्ड ने कहा, “यह भारत के सबसे अधिक आबादी वाले देश में पैरा स्पोर्ट को बढ़ावा देने का सुनहरा मौका है।” दिल्ली के स्टेडियम से निकलने वाली यह तेज रफ्तार और ऊंची छलांगें पूरे विश्व को प्रेरित करेंगी। जय हिंद

