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प्रदूषण में नंबर-1 तो स्वच्छता में कैसे हुआ नंबर-1

 

सर्दी ने फिलहाल दस्तक भी नही दी है लेकिन वायु गुणवक्ता सूचकांक में गाजियाबाद नंबर-1 बन गया। गाजियाबाद को स्वच्छ सर्वेक्षण में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यदि यहां की हवा में इतना जहर घुला है तो नंबर कैसे बन सकता है।
धीमी हवाओं के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब हुई है,जिसने एयर क्वालिटी इंडेक्स को 102 दिनों में पहली बार सबसे खराब स्तर पर धकेल दिया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर को पहले से नियंत्रित करने के उद्देश्य से ग्रैप योजना लागू की गई थी। जिसे लागू करने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स कम से कम 201 पर होना चाहिए।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शाम चार बजे के बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को एक्यूआई 211 दर्ज किया गया। यह बुधवार को 150 (मध्यम) से ज्यादा था और इस साल 25 जून के बाद से उच्चतम प्रदूषण रिकार्ड किया गया। जो जून में एक्यूआई 230 पर था।

101 और 200 के बीच एक ।फप् को मध्यम और 201 और 300 के बीच एक को खराब के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (ब्।फड) की एक उपसमिति के निर्देशों के बाद प्रदूषण के स्तर का मतलब है कि ग्रेप उपायों का चरण 1 बीते दिन यानि बुधवार को प्रभावी हो गया। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण का हाल ऐसा ही है। यहां भी ग्रेप के नियमों का पालन नही हो पा रहा है।

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