Lok Sabha Election 2024: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग ने एक्शन लिया है. चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और राहुल गांधी के भाषण को लेकर भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल तक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब मांगा है. बता दें कि चुनाव आयोग से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की शिकायत की थी और बीजेपी ने राहुल गांधी की शिकायत की थी.
चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 का जिक्र करते हुए पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराया। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेषकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक और बढ़ती जिम्मेदारी लेनी होगी। ईसीआई का कहना है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं।
Lok Sabha Election 2024:
वहीं, पीएम मोदी के कई भाषणों पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया है। विपक्ष ने आरोप लगाए कि पीएम मोदी ने अपने भाषणों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन (MCC) किया है। कुछ दिनों पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने राम मंदिर और करतारपुर कॉरिडोर का जिक्र किया था।
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील आनंद एस. जोनदाले ने शिकायत दर्ज करवाई थी। आज चुनाव आयोग ने इन शिकायतों पर फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने कहा कि पीलीभीत वाली रैली में पीएम मोदी ने कोई चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण का जिक्र को धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं मानता है।
शिकायतकर्ता ने क्या कहा था?
आनंद जोंदले ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों और सिखों के पवित्र स्थलों और सिख गुरुओं के नाम पर जनता से वोट मांगे। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए भाषण को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने भाजपा चीफ जेपी नड्डा से जवाब मांगा है. निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों को भाजपा, कांग्रेस प्रमुखों के साथ साझा किया और इस पर 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है.
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