वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार आयी थी तब से भारत का डिजिटलीकरण(Digital India) बड़े स्तर पर शुरू हुआ। अब जल्द ही आरबीआई नोट छापना बंद करने वाला है। केवल डिजिटल पर ही लोग लेन देन करने उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
डिजिटल रुपये के खुदरा उपयोग के इस परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत चार बैंक शामिल होंगे। ये परीक्षण दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक रुपया एक डिजिटल टोकन के स्वरूप में होगा जो एक वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करता है। इसे इस समय जारी होने वाली कागजी मुद्रा एवं सिक्कों के मौजूदा आकार में ही जारी किया जाएगा।
मालूम हो कि सरकार ने जनधन योजना के अंतरगर्त लोगों के बैंक खाते खोल कर सरकार जनता को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने लगी। इसके बाद यूपीआई और रूपे कार्ड ने पैसे ट्रांसफर करना चुटकियों का खेल बना दिया। साथ ही केशलेश भारत की और जनता बढ़ने लगी। लोगों ने अपने बटुए में कैश रखना कम कर दिया और एटीएम का प्रयोग भी सीमित हो गया ऐसे में अमेरिका के मास्टर और वीजा कार्ट को भारत के बाजार में जोरदार झटका लगा है। भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रहा हैं। इसी कड़ी में एक कदम और उठाया जा रहा हैं। लंबे समय से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल रुपया लेकर आने की बात कर रहा था। इसे लेकर पॉलिजी बनाई जा रही थी। अब डिजिटल रुपया आखिरकार एक वास्तविकता बन रहा है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे लॉन्च करने की घोषणा की है। आरबीआई का कहना है कि ई-रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करेगा। इसे पहले पायलट आधार पर लॉन्च किया जाएगा।
RBI: भारत में अब नहीं छापे जाएंगे नोट, जानें वजह
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