Noida: डूब क्षेत्र में लगातार मकान बन रहे हैं और कॉलोनाइजर प्लॉट काट काट कर बेच रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या खरीददार कॉलोनाइजर से रजिस्ट्री नहीं कराते हैं। जी बिलकुल कराते है लेकिन कॉलोनाइजर फर्जी दस्तावेज के आधार पर सभी को रजिस्ट्री करा कर दे देते हैं। जब मामले में पड़ताल की गई और उजागर हुआ तो अब रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दरअसल छिजारसी गांव के डूब क्षेत्र में राजनगर एक्सटेंशन निवासी राकेश कुमार ने 2022 को भूखंड खरीदा था। जिसक रजिस्ट्री उपनिबंधक प्रथम नोएडा कार्यालय में कराई गई। रजिस्ट्री के दौरान प्लॉट को छिजारसी गांव की आबादी के खसरा नंबर 217 में दिखाया गया। रजिस्ट्री कराने के बाद राकेश कुमार ने तहसीलदार दादरी न्यायालय में दाखिल खारिज करने का प्रार्थना पत्र दिया।
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इसमें सभी दस्तावेज पेश किए बेनामी की कॉपी दस्तावेज के साथ देते हुए हेराफेरी की पेज नंबर 6 को पूरी तरह बदल दिया गया। इसमें आबादी खसरा 217 की जगह डूब क्षेत्र खसरा 538 दर्ज दस्तावेज और अभिलेखों के आधार पर दाखिल खारिज कर दिया गया। मामले की शिकायत के बाद दाखिल खारिज और विभाग में जमा बेनामी की कॉपी की जांच की गई तो इस पूरी गड़बड़ी का खुलासा हुआ। एसडीएम कोर्ट के पेशकार शशि भूषण तिवारी ने राकेश के खिलाफ कोतवाली दादरी में धारा 420 467 468 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज करा दी है।