लखनऊ में हुई नोएडा की बातः लंबे समय से जमे अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई होना तय, बड़ बकायेदारों पर चलेगा चाबुक!
Noida Authority Meeting: नोएडा में एक बार पोस्टिंग हो जाए तो फिर आसानी से किसी का जाने मन नहीं करता। चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी। ये मामला पहली बार नहीं उठाया इससे पहले भी कई बार ट्रांसफर के बाद प्राधिकरण से रिलीव न होने के मामले सामने आ चुके हैं। इस बार यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी (Industrial Development Minister Nand Gopal Gupta Nandi) ने स्पष्ट कह दिया है, ट्रांसफर होने के बाद जो अधिकारी और कर्मचारी रिलीव नहीं हुए हैं या उन्होंने अपना ट्रांसफर रुकवाया है उन पर कार्रवाई की जाए। लखनऊ में नोएडा की बात होने के बाद प्राधिकरण के तमाम बड़े अधिकारी वापस लौट चुके हैं। आज एेसे अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार कराई जा रही है। कहा जा रहा कि विभागीय कार्रवाई के बाद उनकी बर्खास्तगी की संस्तुति भी की जाएगी।
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बीते दिन यानी बुधवार को पिकअप भवन सभागार लखनऊ में नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा, कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए ही ट्रांसफर की प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जो भी अधिकारी व कर्मचारी स्थानांतरण के नियमों का पालन नहीं करेगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
प्रतिनियुक्ति के आधार पर निकलेगी भर्ती
मंत्री नंदी ने कहा, अगर महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी है तो प्रतिनियुक्ति के आधार पर भर्ती के लिए नोएडा प्राधिकरण विज्ञापन निकाले। उन्होंने विकास कार्यों, उद्योगों में आ रही समस्याओं और योजनाओं को जमीन पर उतारने में आ रही दिककतों के साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से निर्धारित प्राथमिकता वाले कार्यों की करीब चार घंटे तक गहन समीक्षा की। बैठक में औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर, प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम, एसीईओ संजय खत्री, एसीईओ वंदना त्रिपाठी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बड़े बकाएदारों के विरुद्ध होगी कार्रवाई
समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने मंत्री नंदी के सामने नोएडा प्राधिकरण के बड़े बकायेदारों की सूची रखी। जिसमें 100 करोड़ से अधिक के बकाएदारों की संख्या अधिक होने पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बड़े बकाएदारों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। इसमें ग्रुप हाउसिंग और वाणिज्यिक बिल्डरों के अलावा दूसरे अन्य विभागों के आवंटी शामिल हैं।