नोएडा । नोएडा प्राधिकरण कई परियोजनाएं शुरु करने वाला है लेकिन उसके लिए शासन की अनुमति की जरुर है। इस प्रकार की सभी परियोजनाएं अब लटक जाएंगी। लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लागू विकास की परियोजनाएं पर ब्रेक लगेगा। आचार संहिता लगने की सुगबुगाहट के बीच करीब ढाई माह तक इन पर काम नहीं हो पाएगा।
बता दें कि नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक के माध्यम से दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) यानी न्यू नोएडा की फाइल शासन को भेजी गई है। शासन को न्यू नोएडा के मास्टर प्लान को मंजूरी देनी है। इसके बाद ही जमीन अधिग्रहण के लिए प्राधिकरण कवायद करेगा। इसकी फाइल काफी दिनों से शासन के पास लंबित है। इसी तरह से जिले की मेट्रो परियोजनाओं के काम में भी देरी होगी। इसमें ग्रेनो वेस्ट मेट्रो, सेक्टर-142 बोटेनिकल गार्डन और बोड़ाकी तक का कॉरिडोर शामिल है। इन परियोजनाओं की फाइल राज्य और केंद्र के स्तर पर लंबित है। इनकी ओर से प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी देने के बाद काम शुरू करने के लिए टेंडर निकालना है। इसके बाद एजेंसी चयन होने पर काम शुरू हो सकता है।
प्राधिकरण का गोल्फ कोर्स प्रोजेक्ट में फंडिंग पैटर्न में बदलाव के लिए बोर्ड के सदस्यों से मंजूरी लेनी है। प्राधिकरण की पहले की पॉलिसी के तहत गोल्फ कोर्स का काम सदस्यता के पैसे से करना था। लेकिन अब पैसे की कमी की वजह से काम बंद हो गया। चूंकि प्राधिकरण इस परियोजना में फंडिंग नहीं कर सकता है। लिहाजा अब इस पैटर्न को बदलने के लिए बोर्ड के माध्यम से मंजूरी लेना है।
उधर, चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के लिए दूसरी बार टेंडर निकाला गया है। पहली बार के टेंडर में बेस प्राइज से ज्यादा की बोली लगाने की वजह से टेंडर निरस्त हो चुका है। अब सेतु निगम ने दूसरी बार टेंडर निकाला है। अब तकनीकी तौर पर यह देखा जाएगा कि इस प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी और वित्तीय बिड खोलने के बाद काम दिया जा सकता है या नहीं। इसके अलावा प्राधिकरण की ओर से सौंदर्यीकरण योजना के कई टेंडर निकाले जाने थे, जो अब ढाई माह बाद होंगे।
अब नही होगी बोर्ड बैठक
नोएडा प्राधिकरण नए वित्तीय वर्ष के लिए 7000 करोड़ के बजट प्रस्तावों की घोषणा करने वाला था। अब अफसरों का कहना है कि बोर्ड बैठक नहीं हो पाएगी। बैठक नहीं होने से कई परियोजनाओं पर फैसला भी नहीं हो पाएगा। सीईओ लोकेश एम के मुताबिक चुनावी आचार संहिता लगने के बाद नए कार्य नहीं हो पाएंगे। लिहाजा पहले से चल रहे कार्यों की रोजाना समीक्षा होगी। कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराने पर जोर दिया जाएगा। सभी परियोजनाओं की रफ्तार तेज की जाएगी। प्राधिकरण प्रत्येक स्तर पर परियोजनाओं की समीक्षा करेगा और काम पूरे करेगा।