Madhya Pradesh: कंडोम का विज्ञापन अश्लीलता नही मान सकतें

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने गरबा को दिखते हुए बनाए कंडोम के विज्ञापन को अश्लीलता मामने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह की एकल-न्यायाधीश बैंच ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर विज्ञापन पोस्ट करने के लिए एक फार्मासिस्ट के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करते हुए फैसला सुनाया। गरबा खेल रहे एक जोड़े को दिखाने वाले कंडोम के विज्ञापन को अश्लीलता नहीं माना जाएगा और यह धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाता है। न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर विज्ञापन पोस्ट करने के लिए एक फार्मासिस्ट के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करते हुए फैसला सुनाया।2018 में नवरात्रि के दौरान दो दिनों के लिए मुफ्त कंडोम और गर्भावस्था किट के लिए एक प्रचार प्रस्ताव चलाने के बाद मॉर्फस फार्मास्युटिकल्स नामक एक फार्मा कंपनी के मालिक महेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। विज्ञापन में कहा गया है, प्री लवरात्रि वीकेंड ऑफर – कंडोम (3 का पैक) गर्भावस्था जांच किट 0 रुपए में। मामला अजय नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराया था, जिसने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी कि विज्ञापन से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके बाद, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (सार्वजनिक बेशार्मी) और 295। (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। महेंद्र त्रिपाठी ने तर्क दिया कि वह स्वयं एक हिंदू हैं और उनका धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने या धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने दावा किया कि गरबा अवधि के दौरान ग्राहकों को लुभाने के लिए केवल अच्छे विश्वास के साथ उक्त विज्ञापन पोस्ट किया गया था।

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