फर्जी मार्कशीट के मामले में जे.एस. यूनिवर्सिटी फिर आई सुर्खियों में    

 राजस्थान प्रांत में भी फर्जीवाड़े में पकड़े शातिरों से यूनिवर्सिटी का नाम आया था सामने
Firozabad news : शिकोहाबाद शहर की नामी गिनामी जेएस यूनिवर्सिटी एक बार फिर से विवादों के घेरे में आ गई है। कभी फर्जी मार्कशीट पकड़ी जाना, तो कभी फर्जी मार्कशीट बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए लोगों का पकड़ा जाना यूनिवर्सिटी की छवि को लगातार धूमिल कर रहा है। फिरोजाबाद जिले के मैनपुरी रोड शिकोहाबाद स्थित जेएस यूनिवर्सिटी जिस तरह दिनोंदिन नए आयाम गढ़ती जा रही है, ठीक उसी तरह बीच बीच में उसका नाम सुर्खियों में आ जाता है । आपको बता दें कि इस यूनिवर्सिटी में देश के कोने-कोने से छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं। अभी हाल ही में इस यूनिवर्सिटी का नाम फर्जी मार्कशीट के मामले में तेजी से सेंसेक्स की तरह उछला है । बहुत ही कम समय में तेजी से दौड़ में शामिल हुई यूनिवर्सिटी फिर से चर्चाओं में आ गई ।
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            फर्जी मार्कशीट के मामले में नाम उजागर होने के बाद यह गूंज शहर ही नहीं, बल्कि लखनऊ , जयपुर तक पहुंच गई है । राजस्थान में शिक्षक भर्ती में बीपीएड मार्कशीट के फर्जीवाड़े में यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने के बाद लखनऊ से इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम भी गठित कर दी गई । जिसका एक पत्र भी जारी हुआ है, जिसे जांच कर रिपोर्ट देनी है। इधर गुरुवार को एक बार फिर से  मामला सामने आया। आगरा एसटीएफ ने मोहित गुप्ता नाम के एक युवक को पकड़ा है, जिसने अपने आपको जेएस से जुड़ा हुआ बताया। बताया तो यह भी जाता है कि इनकी दूसरी आगरा स्थित यूनिवर्सिटी में भी ये काम कर चुका है । इस व्यक्ति पर फर्जी मार्कशीट बनाने का आरोप है। पकड़े गए चार लोगों पर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय सहित अन्य कई निजी विश्वविद्यालयों की मार्कशीट मिली है। इधर यह मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। हालांकि जेएस यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस युवक से कोई सरोकार ना होने की बात कहता नजर आ रहा है । वहीं पिछले मार्च 2023 में भी जयपुर में पकडे गई फर्जी मार्कशीट मामले को भी साजिश करार दिया था, लेकिन अब एक सवाल उठ रहा है कि आखिर विभिन्न स्थानों पर पकड़े जाने वाले फर्जी मार्कशीट बनाने वाले ये लोग जेएस यूनिवर्सिटी का नाम क्यों लेते है ?? ये भी अपने आप में एक सवाल है।
कहीं कोई फर्जी मार्कशीट ना दे दे उनको …  – 
  शिकोहाबाद की जिस निजी यूनिवर्सिटी का नाम आगरा में पकड़े गए रैकेट में शामिल एक युवक ने लिया है, उसके बाद लोगों की जुबानों पर तरह तरह की चर्चाएं होती नजर आ रही हैं। केवल जेएस ही नहीं बल्कि अन्य निजी विश्वविद्यालयों में देश के कोने-कोने से शिक्षा लेने के लिए आ रहे हजारों छात्र-छात्राओं के बीच भी चर्चा शुरू हो गई है। क्योंकि सैकड़ों छात्र छात्राएं किसी के एजेंट के माध्यम से भी एडमिशन लेते है । ऐसे में कहीं बीच का व्यक्ति उनको फर्जी मार्कशीट ना दे दे , ये भी डर का विषय बनता जा रहा है। जिससे उनका भविष्य चौपट ना हो जाए ।
जिस मोहित गुप्ता को पुलिस ने पकड़ा है। वह हमारे यहां ऑनरोल कर्मचारी नहीं है। उसे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को मेंटेन करने ( बनाने ) की जिम्मेदारी ठेके पर दी गई थी । उसका हमारी यूनिवर्सिटी से कोई संबंध नहीं है । उसने फर्जी मार्कशीट बनाई है तो सजा मिलनी चाहिए, जिससे किसी बच्चे का भविष्य पर कोई दाग ना लग सके । डा. सुकेश यादव कुलाधिपति, जेएस यूनिवर्सिटी , शिकोहाबाद ।
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    बैकडेट में एडमिशन दिलाने का दावा करने वाले करते हैं फर्जीबाड़ा  –  
  हजारों युवा हर वर्ष दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा और डिग्रियां करते हैं। इनमें कई ऐसे भी होते हैं जो एजेंट्स के जरिए बैकडेट में एडमिशन लेकर डिप्लोमा डिग्री लेने का प्रयास करते हैं। सरकारी नौकरी की चाह में कई युवा शॉर्टकट रास्ता अपनाते हुए ऐसे गिरोह के चंगुल में फंस जाते हैं, जो बैकडेट में एडमिशन या पुराने बैच का स्टूडेंट बताकर कई तरह के डिप्लोमा और डिग्री देने का दावा करते हैं। पिछले साल जयपुर में ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश हुआ था, जिसने हजारों युवाओं के फर्जी तरीके से डिप्लोमा और डिग्रियां बेची है। इसमें उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद स्थित जेएस यूनिवर्सिटी, महात्मा गांधी एलम यूनिवर्सिटी सिक्किम आदि की फर्जी डिग्रियां और डिप्लोमा थे ।
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