पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि जिला परिषद चुनाव में जनता ने बीजेपी और जेजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया। ऐसे में अपनी हार को छुपाने के लिए दोनों दल निर्दलीय उम्मीदवारों को अपना बताने का पैंतरा चल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को बताना चाहिए कि अगर बीजेपी निर्दलीयों को समर्थन कर रही थी तो उसने पार्टी सिंबल पर चुनाव क्यों लड़ा? और अगर सिम्बल पर लड़ रही थी तो निर्दलीयों का समर्थन क्यों किया? भ्रमजाल फैलाने की बजाए बीजेपी को सच स्वीकार कर लेना चाहिए। सच यह है कि सत्ताधारी दल को सिर्फ 5% वोट मिले हैं। इतना ही नहीं इस चुनाव में सिंबल पर लड़ने वाली इनेलो और आम आदमी पार्टी को भी जनता ने आइना दिखा दिया है। भाजपा की बी और सी टीम के रूप में काम कर रहे दोनों दलों को सिर्फ 3-3% वोट ही हासिल हुए हैं। नतीजे बताते हैं कि 87% वोट निर्दलीय व कांग्रेस विचारधारा के कार्यकर्ताओं को मिली है।
सत्ताधारी BJP-JJP के प्रति लोगों में कितना रोष है, यह इससे पता चलता है कि जनता इनके प्रत्याशियों को विधायक या सांसद तो छोड़िए सरपंच या पार्षद भी नहीं बनाना चाहती। खरखौदा में पत्रकारों वार्ता को संबोधित करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मारुति के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा अगर निजी कंपनियां ऊंचे रेट पर जमीन ले रही हैं तो निश्चित तौर पर इसका लाभ किसानों को भी होना चाहिए। हुड्डा ने भाजपा सरकार पर कांग्रेस कार्यकाल में स्थापित की गई आईएमटी को ठप करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि हरियाणा के मानेसर, रोहतक और खरखौदा में प्लांट लगाने के लिए मारुति सुजुकी के मालिक से कांग्रेस सरकार के दौरान ही सहमति बन चुकी थी। इस बीच प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने की वजह से यह प्रोजेक्ट 8 साल से लटका हुआ है।
हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार से हर वर्ग परेशान है। किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए झूठे मुकदमे सरकार ने अब तक वापस नहीं लिए। बार-बार सरकार किसानों को सड़कों पर आने के लिए मजबूर कर रही है। गन्ने का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन अब तक सरकार ने नए भाव का ऐलान नहीं किया। किसानों को कम से कम ₹400 क्विंटल रेट मिलना चाहिए। 2022 बीतने वाला है लेकिन अब तक किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। इसके विपरीत बीजेपी सरकार ने किसानों की लागत को दोगुना करने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज किसान से खाद, दवाई, बीज से लेकर ट्रैक्टर पार्ट्स तक हर चीज पर भारी भरकम टैक्स वसूला जा रहा है। जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों से कोई टैक्स नहीं लिया जाता था। कर्मचारियों की बात की जाए तो वो पुरानी पेंशन स्किम की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने चार्वाक की नीति अपनाते हुए हरियाणा को कर्ज में डूबने का काम किया। आज प्रदेश पर ₹3.11 लाख करोड़ का कर्ज है। इसका मतलब हुआ कि प्रदेश का हर परिवार ₹6,00,000 के कर्ज तले दबा हुआ है। जबकि 8 साल के दौरान बीजेपी और बीजेपी जेजेपी सरकार ने प्रदेश में कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया। ऐसे में कर्ज का इतना रुपया कहां खर्च हुआ?