भले ही हरियाणा एक नवम्बर 1966 को अलग से एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था, परंतु ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक रूप से यह आदिकाल संस्कृति से जाना जाता है। मनु के अनुसार हरियाणा का उदय देवताओं से हुआ और इसे ब्रह्मवर्त प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है। हरियाणा राजभवन में आयोजित 57वें हरियाणा दिवस के राज्य स्तीय समारोह में मनमोक संस्कृतिक कार्यक्रम की छटा देखने को मिली।
इन आठ वर्षों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने खेलों में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदकों की झडी लगाई है। आईटी हब के रूप में साईबर सिटी गुरुग्राम बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की पसंद बन गया है।
50 प्रतिशत साफटवेयर निर्यात हरियाणा कर रहा है। इन आठ वर्षों में हरियाणा के लोगों को भी आईटी गुरु के रूप में एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिसने विभिन्न विभागों की 600 से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन की हैं। हरियाणा की अध्यापक स्थानांतरण नीति का अन्य प्रदेश अध्ययन का रहे हैं। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की शुभकामनाएं व बधाई दी।
इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित व लेडी गवर्नर बंडारू वसंता भी उपस्थित थे। राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा प्रदेश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। यह प्रदेशवासियों की कठिन मेहनत व सहयोग से सम्भव हो पाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की जनता को शुभकामनाएं दी। हरियाणा दिवस समारोह में हरियाणा व अन्य राज्यों की संस्कृति से ओत-प्रोत रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती अराधना व दीप प्रज्जवलन से हुई। हरियाणवी संस्कृति और लोक गीतों के साथ-साथ कार्यक्रम में भवई नृत्य की झलक भी देखने को मिली। कार्यकम्र में हरियाणा के लूर नृत्य की प्रस्तुती ने सभी का मन मोह लिया। अंत में प्रस्तुति में पंजाबी भांगड़ा की प्रस्तुति बहुत ही सराहनीय रही। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से खुश होकर कलाकारों को 3 लाख रूपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता, अम्बाला के सांसद रत्न लाल कटारिया, हरियाणा के महाधिवक्ता बी.आर. महाजन, मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, गृह सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, मुख्य मंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डाॅ. अमित अग्रवाल, सचिव राज्यपाल अतुल द्विवेदी, निदेशक कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग महावीर कौशिक सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।