सुपरटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक कराने वालों के लिए यह अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की समाधान योजना पर हरी झंडी दिखा दी है। अब सुपरटेक के करीब 20,000 फ्लैट बायर्स को राहत मिलेगी। दरअसल सुपरटेक बिल्डर की ओर से 12 से 16 सौ करोड़ रुपए तक का फंड जुटाने के बाद इसका उपयोग नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 18 प्रोजेक्ट के 20000 फ्लैटों के काम पूरा करने को लेकर योजना बनाई गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट के हरी झंडी देने के बाद फंड जुटाने का रास्ता खुल गया है। ऐसी सभी परियोजनाओं का काम 2 से 3 वर्ष में पूरा करने का दावा किया जा रहा है। सुपरटेक के सीएमडी आरके अरोड़ा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के समाधान योजना पर मोहर लगने और लोन की अनुमति के आदेश देने के बाद सुपरटेक सभी प्रोजेक्ट का काम समय बदध तरीके से पूरा करने की कोशिश करेगा।
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इसका फायदा प्राधिकरणों को भी मिलेगा। अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स पूरे होंगे। उन्हांेने बताया कि इसका उपयोग केपटाउन नॉर्थ आई, इको विलेज एक, दून स्कवेर, इको सिटी, इको विलजे तीन, रोमानो,सीजार ग्रीन विपेज, हिल टाउन, मेरठ स्पोर्टस सिटी, मिकासा, रिवरक्रेस्ट, स्पोर्टस विपेज, अपकंट्री इको विपेज दो में होगा। वही सुप्ररटेक के 18 प्रोजेक्टस के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दिवालीया की प्रक्रिया शुरू गई थी। मामले में एंटरीम रिजाॅल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त कर दिया गया था। इसके बाद सुप्ररटेक नक नेशनल कंपनी लाॅ अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की थी। सुनवाई के बाद माना गया कि गोटर नोएडा के एक प्रोजेक्टर को छोड़कर बाकी प्रोजेक्ट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया नही चलेगी।
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इसलिए बिल्डर कर रहा दावा
समाधान योजना में 27476 फ्लैटों के अधूरे निर्माण को पूरे करने की बात की है। इसमें करीब 7000 फ्लैट अब तक नहीं बिके हैं। यही वजह है कि सुपरटेक दावा कर रहा है कि बिके हुए फ्लैटों के काम पूरे कर दो वर्ष में खरीदारों को कब्जा दे देगा।
बैंको ने कोर्ट में कहा
बैंक भी सुप्रीम कोर्ट चले गए और फैसले पर विचार करने की अपील की। उनका कहना था कि देने के आदेश के बाद अब सुपरटेक सुपरटेक पैसे लेकर भी फ्लैट नहीं बनाएगा। ऐसे में की सभी परियोजनाओं का काम पूरे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट में भी सुपरटेक ने 12 क्वार्टर में घर बनाने और बकाया जमा करने की समाधान योजना प्रस्तुत की।