ई ऑक्शन प्रणाली के विरोध में उद्यमी, जानिए प्राधिकरण कैसे हो गए मालामाल
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ई ऑक्शन प्रणाली के विरोध में उद्यमी, जानिए प्राधिकरण कैसे हो गए मालामाल

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ई ऑक्शन प्रणाली औद्योगिक क्षेत्र में अब उद्यमियों को नामंजूर है। पहले भी विरोध था मगर अब ये विरोध ज्यादा हो रहा है। इससे लगातार यहाँ छोटे उद्योग खत्म हो रहे हैं। सबसे बड़ा कारण है जमीन का रेट बढ़ जाना। जो कि उद्यमी अफोर्ड नहीं कर पा रहे है। ई ऑक्शन प्रणाली से प्राधिकरण को मालामाल हो रहा है लेकिन उद्यमियों का बुरा हाल हो रहा है।

 

आईईए कर रहा पुरजोर विरोध

शहर के उद्यमियों ने औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में नीलामी प्रक्रिया का विरोध किया। मंगलवार को उद्यमी संगठन इंडस्ट्रियल एंट्रेपरेणुर्स एसोसिएशन (आईईए) का एक प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी से मिला और ज्ञापन सौंपा। नीलामी प्रक्रिया का विरोध करते हुए इसे समाप्त करने की मांग की है। लंबे समय से किराये पर चल रहे उद्योगों को वरीयता देने की मांग की है। इस दौरान उद्यमियों से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी अवगत कराया गया।

संस्था की मांगें शासन को भेजी जाएंगी
एसोसिएशन के महासचिव संजीव शर्मा ने कहा कि औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में नीलामी प्रक्रिया लागू होने से छोटे और मध्यम वर्गीय कारोबारियों को नुकसान हो रहा है। मोटी बोली लगाने की स्थिति में न होने की वजह से भूखंड पाने से वंचित रह जाते हैं। उद्यमियों की बात सुनने के बाद प्राधिकरण सीईओ ने आश्वासन दिया कि संस्था की मांगें शासन को भेजी जाएंगी। वहीं उद्यमी गगन धीमान ने बताया कि उद्योगों को बिना पानी के कनेक्शन के बिल भेजे गए हैं। ऐसे बिलों को कैंप लगाकर माफ किया जाए। इस मांग पर सीईओ ने अधीनस्थ अधिकारियों को जल्द ही कैंप लगाने का निर्देश दिया। इस दौरान हल्दौनी मोड़ पर जर्जर सड़क को लेकर भी संस्था के पदाधिकारियों ने चर्चा की। इस पर सीईओ ने कहा कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए टीम को लगाया गया है। अगले कुछ महीने में इसका स्थायी समाधान हो जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में संजीव शर्मा, विशाल गोयल, शिशुपम त्यागी, गगन धीमान और गौरव गर्ग शामिल रहे।

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