Economic Crises: वैसे तो पाकिस्तान में राजनीतिक हालता आस्थिर रहते है। अब आर्थिक हालात भी खराब है। आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाक लोन में डूबा हुआ है। अपनी आर्थिक दुर्दशा दूर करने के लिए पाक ने एक बार फिर औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 6 से 8 अरब डालर का राहत पैकेज मांगा है। वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब के नेतृत्व वाली एक उच्च स्तरीय कमेटी इस समय वाशिंगटन में है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ निवेश पर बातचीत आगे बढ़ाने के लिए इसी महीने सऊदी अरब की यात्रा करेंगे।
पाकिस्तान सरकार ने बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए बैंकों से 5.5 ट्रिलियन रुपये (पाकिस्तानी रुपये) उधार लिए हैं। देश में हालात इतने खराब हैं कि सिर्फ एक सप्ताह के भीतर 650 अरब रुपये से अधिक उधार लिए गए हैं। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के आंकड़ों से पता चला है कि वाणिज्यिक बैंकों से सरकार की उधारी एक जुलाई 2023 से पांच अप्रैल 2024 तक रिकार्ड 5.5 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गई है। यह भारी उधारी अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रही है।
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पाकिस्तान सरकार ने बैंकों से 5.5 ट्रिलियन का लिया उधार
इस बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर IMF से छह से आठ अरब डालर का राहत पैकेज मांगा है। वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इस समय वाशिंगटन में है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ निवेश पर बातचीत आगे बढ़ाने के लिए इसी महीने सऊदी अरब की यात्रा करेंगे। IMF के साथ पाकिस्तान की वर्तमान तीन अरब डालर की ऋण व्यवस्था अप्रैल के अंत में समाप्त हो जाएगी। व्यापक आर्थिक स्थिरता और स्थायित्व लाने में सहायता के लिए सरकार बड़ा ऋण मांग रही है ताकि देश में बेहद जरूरी संरचनात्मक सुधारों को क्रियान्वित किया जा सके।
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आईएमएफ पर डिपेंड हुआ पाक
शहबाज सरकार ने सऊदी निवेश पर आकर्षक लाभ का सपना दिखाया है।IMF के साथ पाकिस्तान की वर्तमान तीन अरब डालर की ऋण व्यवस्था अप्रैल के अंत में समाप्त हो जाएगी। व्यापक आर्थिक स्थिरता और स्थायित्व लाने में सहायता के लिए सरकार बड़ा ऋण मांग रही है ताकि देश में बेहद जरूरी संरचनात्मक सुधारों को क्रियान्वित किया जा सके।