ghaziabad news लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने शुक्रवार को ज्ञानपीठ केंद्र-1 में भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई।
शिक्षाविद और समाजवादी चिंतक रामदुलार यादव ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन न केवल विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, बल्कि उन्होंने शिक्षा, ईमानदारी और सादगी के बल पर भारतीय समाज को नैतिक दिशा प्रदान की।
उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति और विदेशों में भारत के राजदूत के रूप में भारत की गरिमा को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आज जब देश वैचारिक संकट, बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहा है, तो ऐसे में डॉ. राधाकृष्णन के आदर्शों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।
एडवोकेट वीरेन्द्र यादव ने कहा कि वर्तमान में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों में 96वें स्थान पर और प्रेस स्वतंत्रता में 161वें स्थान पर है, जो लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि देश के 70 करोड़ लोगों को जीडीपी का मात्र 3 प्रतिशत मिल पाता है, जबकि असमानता, बेरोजगारी और आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले 15 वर्षों में देश के 1.75 लाख सरकारी स्कूल बंद होना शिक्षक दिवस के अवसर पर एक गहरी चिंता का विषय है।
वक्ताओं ने डॉ. राधाकृष्णन के कहा कि जब तक शिक्षक समाज को नैतिकता और विचारों की रोशनी नहीं देंगे, तब तक अंधकार छंटना मुश्किल है।
इस अवसर पर ठाकुर विक्की सिंह, सम्राट सिंह यादव, एस.एस. तिवारी, ब्रह्मप्रकाश, हरेन्द्र यादव, सत्यपाल सिंह, मुनीम यादव, फूलचंद वर्मा, पंडित विनोद त्रिपाठी, ओमप्रकाश अरोड़ा, अमृतलाल चौरसिया,रामेश्वर यादव, ताहिर अली,प्रेमचंद पटेल समेत अनेक शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता व राजनैतिक प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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