meerut news विकास भवन सभागार में प्रादेशिक कोआॅपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं नोडल अधिकारी वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गौवंश संरक्षण एवं भरण-पोषण के संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की शुरूआत जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने गुलदस्ता भेंट कर नोडल अधिकारी का स्वागत कर किया। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों का परिचय कराया और जनपद में गौवंश संरक्षण से जुड़ी व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
बैठक में नोडल अधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी गौ आश्रय स्थलों पर गौवंश की टैगिंग कराई जाए और इन्हें मॉडल गोशाला बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभारी मंत्री के निदेर्शानुसार जिले की तीन गौशालाओं को सर्वप्रथम मॉडल गोशाला के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि समाजसेवियों और गौ सेवकों की सहभागिता से गोमय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके और गोशालाएं आत्मनिर्भर बन सकें। मॉडल गोशाला बनाने के लिए टीन शेड, नर-मादा एवं बछड़ों के लिए अलग-अलग व्यवस्था, गर्भित गौवंश के लिए विशेष देखभाल, स्वच्छ पेयजल, पौष्टिक आहार, पशुओं की ऊँचाई के अनुसार चरही, प्रशिक्षित केयर टेकर, गर्मी-सर्दी से बचाव की व्यवस्था, नियमित सफाई, आवश्यक नाम-पट्टिकाएं, बहुवर्षीय हरा चारा, पावर कनेक्शन/सोलर लाइट, ट्रॉमा सेंटर, गोबर गैस प्लांट, गोमूत्र के उपयोग का प्रचार, गोबर आधारित उत्पाद निर्माण और वृक्षारोपण जैसी सुविधाओं पर बल दिया गया। बैठक के बाद नोडल अधिकारी ने धीरखेड़ा (विकास खंड खरखौदा) स्थित अस्थायी गौ आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। यहां 119 गौवंश संरक्षित पाए गए, जिनकी स्थिति स्वस्थ पाई गई। निरीक्षण के दौरान गौपूजन और फलाहार कराया गया। गोशाला में पर्याप्त मात्रा में भूसा और हरा चारा उपलब्ध मिला। इसके बाद हसनपुर कदीम (विकास खंड रजपुरा) स्थित अस्थायी गौ आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया गया। यहां 64 गौवंश संरक्षित मिले। स्थल पर साफ-सफाई और चारे की अच्छी व्यवस्था पाई गई और गौवंश का स्वास्थ्य संतोषजनक मिला।
बैठक के दौरान ये भी रहे मौजूद
इस मौके पर सीडीओ नूपुर गोयल, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, अपर निदेशक (ग्रेड-2) पशुपालन विभाग डॉ. मानव, एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा, जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह, मंडल के सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खंड विकास अधिकारी और अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे।

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