Delhi fire incident: नई दिल्ली। विवेक विहार अस्पताल में लगी आग के मामले में पुलिस ने अस्पताल के मालिक और एक अन्य डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। विवेक विहार के जिस अस्पताल में शनिवार देर रात हादसा हुआ, उसे बिना लाइसेंस के ही चलाया जा रहा था। विवेक विहार थाना पुलिस ने शुरुआत में लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की तो अस्पताल के संचालन में कई गड़बड़ियों का पता चला। पुलिस ने इसी के आधार पर लापरवाही से मौत की जगह अब गैर इरातन हत्या और गैर इरातन हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
Delhi fire incident:
पुलिस ने मामला दर्ज कर अस्पताल के मालिक और एक अन्य डॉक्टर को गिरफ्तार भी कर लिया है। आरोपितों की पहचान डॉ. नवीन खीची (45) और बीएएमएस डॉक्टर आकाश (26) के रूप में हुई है। डॉ. आकाश चरखी दादरी का रहने वाला है। पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि जांच के दौरान टीम ने जब अस्पताल की लाइसेंस की पड़ताल की तो उसकी अवधि समाप्त मिली। इसके अलावा दिल्ली सरकार के डीजीएचएस विभाग की ओर से अस्पताल को महज पांच बेड का अस्पताल चलाने की अनुमति थी। उसका उल्लंघन कर 12 बेड का अस्पताल चलाया जा रहा था। छानबीन के दौरान पुलिस को अस्पताल परिसर से आग बुझाने वाला एक भी सिलेंडर नहीं मिला है। इसके अलावा किसी हादसे के समय इमारत से निकलने के लिए कोई इमरजेंसी एक्जिट भी नहीं बनाया गया। दूसरी ओर बच्चों के अस्पताल के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की जरूरत होती है लेकिन बावजूद इसके डॉ. नवीन ने आयुर्वेदिक डॉक्टर आकाश को रखा हुआ था।
अस्पताल के पास दमकल विभाग की एनओसी है या नहीं फिलहाल दिल्ली फायर सर्विस ने इसे अभी स्पष्ट नहीं किया है, हालांकि दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने एनओसी न होने की संभावना जताई है। पुलिस इसकी भी पड़ताल कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोनों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि डॉ. नवीन अपनी पत्नी डॉक्टर जागृति के साथ मिलकर विवेक विहार, पंजाबी बाग, फरीदाबाद और गुरुग्राम में चार बेबी केयर न्यू बॉर्न नाम से अस्पताल चलाते हैं। फिलहाल दमकल विभाग, क्राइम टीम, एफएसएल समेत बाकी जांच एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में शार्ट-सर्किट से आग लगने की वजह लग रही है।
Delhi fire incident: