गौर ग्रीन सिटी के पास करंट लगने से संविदाकर्मी वीरू की मौत होन के बाद गुस्साए परिजनों और सर्किल दो के संविदाकर्मियों ने शव लेकर काला पत्थर रोड स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर हंगामा किया। आरोप है कि ऊर्जा निगम के अधिकारियों के घटना के 12 घंटे बाद भी सामने नहीं आने पर कड़ी नाराजगी जताई। सुबह को भी फीडर बंद रखकर आधे घंटे तक आपूर्ति ठप रखी। लोगों ने ऊर्जा निगम से परिजनों को मुआवजा और मृतक की पत्नी को नौकरी दिलाने की मांग की। परिजन पोस्टमार्टम के बाद शाम को शव लेकर बिजली घर लेकर पहुंचे। कंपनी की ओर से परिजनों को पांच लाख रुपये का बीमा राशि देने की प्रक्रिया चल रही है।
संविदाकर्मी कलुआ गिरि ने बताया कि बृहस्पतिवार तड़के करीब तीन बजे ब्रेक डाउन होने से एक फीडर बंद हो गया था। वीरू के साथ मिलकर पेट्रोलिंग करने पर गौड़ ग्रीन सिटी सोसायटी के विद्युत पैनल कमरे से फॉल्ट होना सामने आया था। पैनल का फ्यूज निकालकर आपूर्ति शुरू हुई थी। उसके बाद सोसायटी की ओर से मीटर में खामी आने की शिकायत मिली थी। मीटर विभाग के अवर अभियंता संजय शर्मा ने कलुआ और वीरू को काम के लिए बुलाया था। कलुआ ने बताया कि अवर अभियंता उत्तम कुमार से शट डाउन मांगा था। बिजली घर पर मौजूद स्टॉफ ने शट डाउन देने की जानकारी दी थी। खंभे पर काम करने के दौरान करंट लगने से वीरू की मौत हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे के बाद कोई भी अधिकारी नहीं आया। जेई और स्टॉफ लॉक रजिस्टर लेकर फरार हैं। इसी रजिस्टर में शट डाउन, लोड, फॉल्ट आदि की पूरी जानकारी होती है।
विभाग के जेई उत्तम कुमार ने बताया कि वह कोई लॉक रजिस्टर लेकर गायब नहीं हुए हैं। बल्कि परिवार को मुआवजा दिलाने के काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने लोगों पर ही फीडर बंद करने और लॉक रजिस्टर व दो तीन अन्य रजिस्टर गायब करने का भी आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने शट डाउन लेने के बारे में स्टॉफ को शटडाउन देने की बात बोली थी जबकि गौर ग्रीन सोसायटी में जनरेटर चलने से करंट आना सामने आया है। इसकी जांच के लिए ऊर्जा निगम सुरक्षा दल को पत्र लिखा जा रहा है।