new delhi news पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर थाना क्षेत्र के प्रियदर्शनी विहार स्थित अवैध रूप से बने लक्ष्मी नारायण मंदिर को तोड़ने के लिए एक बार फिर डीडीए का दस्ता पहुंचा। इस दौरान मौके पर पुलिस और पैरामिलिट्री बल की भारी तैनाती की गई। जैसे ही मंदिर ध्वस्तीकरण की जानकारी स्थानीय लोगों को मिली, सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर के बाहर इकट्ठा हो गए। महिलाओं ने हनुमान चालीसा का पाठ और कीर्तन शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर मंदिर नहीं तोड़ने देंगे, चाहे इसके लिए उन्हें अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े। मौके पर मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोगों को पुलिस ने समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शन उग्र होता गया। स्थिति को संभालने के लिए पूर्वी दिल्ली के डीसीपी, एसीपी समेत कई थानों की पुलिस बल के साथ पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात रही।
दस साल से सील था मंदिर
सूत्रों के अनुसार, यह मंदिर पिछले दस वर्षों से सील किया गया था। अदालत ने इसे अवैध निर्माण करार देते हुए करीब 10 साल पहले तोड़ने के आदेश दिए थे। उस समय भारी विरोध के चलते कार्रवाई रोक दी गई थी और मंदिर को सील कर दिया गया था। अब अदालत के ताजा आदेश के बाद डीडीए की टीम ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची है।
मंदिर पक्ष फिर करेगा अदालत का रुख
मंदिर पक्ष के वकील का कहना है कि ध्वस्तीकरण रोकने के लिए वे एक बार फिर अदालत का रुख करेंगे और शुक्रवार को इस पर सुनवाई होनी है। स्थानीय लोग मंदिर बचाने के लिए डटे हुए हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
भाजपा शासित डीडीए की कार्रवाई क्यों?: भारद्वाज
दिल्ली के आम आदमी पार्टी के संयोजक सौरभ भारद्वाज ने अपने एक्स हैंडल से लक्ष्मी नगर का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि यहां लक्ष्मीनगर में मंदिर तोड़ने के लिए भाजपा शासित डीडीए और पुलिस आई हुई है। किसी ने वीडियो भेजा है। इस समय में जब हम पाकिस्तान से लड़ रहे है और सब एक हैं, ऐसे में इस तरह की तोड़फोड़ की क्या जरूरत है?
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