मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ का जनता में कैसा दबदबा है इसका नगर निकाय चुनावों के परिणामों से पता चल रहा है। ट्रिपल इंजन के फॉर्मूले से भाजपा ने पहली बार यूपी में महापौर की सीटों पर क्लीन स्वीप किया। 2017 के बाद सपा इस बार भी महापौर की सीट पर खाता न खोल सकी। वहीं बसपा ने सहारनपुर और आगरा में बीजेपी को टक्कर तो दी, लेकिन एक भी सीट यूपी में जीत न सकी। कांग्रेस का इस बार भी निकाय चुनाव का प्रर्दशन खास न रहा।
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सबसे रोचक यह रहा है कि निर्वतमान मेयर अभिलाषा गुप्ता, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के बूथ पर भाजपा हार गई है। मालूम हो कि पूरे चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुल 55 रैलियां की। वहीं यूपी सरकार के 18 मंत्रियों को निकाय चुनाव में मंडलों का प्रभारी मंत्री ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के रिजल्ट का परफॉर्मेंस साबित किया। 2023 के निकाय चुनाव में भाजपा ने बीते सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 17 महापौर की सीट पर कब्जा जमाया है। 17 मेयर सीटों में से भाजपा का सभी पर कब्जा हो गया।
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नगर पालिका अध्यक्ष की 199 सीटों में से भाजपा 96 सीटें और उसके बाद निर्दलीय दूसरे नंबर पर रही। इसी तरह नगर पंचायत की 544 अध्यक्ष पद की सीटों में 170 सीटों पर भाजपा और उसके बाद 150 सीट पर निर्दलीय जीत दर्ज की। बसपा, सपा और कांग्रेस के उम्मीदवार निर्दलीय से पीछे रहे। निकाय चुनाव में जहां एक तरफ भाजपा ने क्लीनस्वीप किया, वहीं निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 4 मई और दूसरे चरण की वोटिंग 11 मई को हुई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 अप्रैल से निकाय चुनाव का प्रचार शुरू किया था। उन्होंने सभी 17 नगर निगम में चुनाव प्रचार किया। योगी ने फिरोजाबाद, आगरा, लखनऊ, झांसी, गाजियाबाद , अयोध्या, गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी और अलीगढ़ समेत अन्य शहरों में कुल 55 सभाएं की। लखनऊ में उन्होंने तीन, गोरखपुर में 4, वाराणसी और अयोध्या में दो- दो रैलियां की।