UTTAR PRADESH में ब्यूरोक्रेसी जनप्रतिनिधियों पर हावी, हार का कारण बनेगे ये…
1 min read

UTTAR PRADESH में ब्यूरोक्रेसी जनप्रतिनिधियों पर हावी, हार का कारण बनेगे ये…

UTTAR PRADESH: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयारी कर रही है लेकिन सबसे अधिक सीटों वाले यूपी में भाजपा को यदि डूबोया को अहम रोल ब्यूरोक्रेसी का होगा। ये चर्चाएं नेताओं के बीच होने लगी है। जनप्रतिनिधियों और नौकरशाही के रिश्तों में तल्खी-तनातनी-शिकवा-शिकायत-नाराजगी अरसे से जारी है, अधिकार को लेकर अफसरों से मनमुटाव की इस कड़ी में नए-नए किस्से जुड़ते ही रहे हैं। बीते दिनों लखनऊ में विकास एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने सरकारी विभागों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई। एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण ) और लेसा (लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन) के रवैये को लेकर तल्ख तेवर जताए। आगामी 17 सितंबर के बाद जन चैपाल लगाकर पीड़ित जनता का दर्द सुनने की बात भी कही गई। नोएडा विधायक पंकज सिंह और यूपी के आईडीसी के बीच भी जुबानी जंग किसी से छुपी नही है।

यह भी पढ़े: UP:आखिर किन्नर की पिटाई क्यों,फिर कैंची से काटी चोटी,ये हैं पूरा मामला…

 

मालूम हो कि 28 अगस्त को गोंडा के विकास भवन में निगरानी समिति की बैठक में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिह की नाराजगी भी उजागर हुई थी। नाराज होते हुए सांसद ने यहां तक कह दिया कि ग्रामीण सड़कों की हालत यह हो गई है कि यह बहुत बड़ा मुद्दा बनने वाला है। इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने लापरवाही पर अफसरों को आड़े हाथों लिया। वहीं 21 अगस्त को नोएडा में किसान अपनी मांगों को लेकर विधायक पंकज सिंह के आवास पहुंचे थे। इस दौरान शांत सौभाव के पकंज सिंह का लहजा तल्ख हो गया। सार्वजनिक तौर पर उन्होंने कहा हम जनप्रतिनिधि हर रोज किसानों का धरना-प्रदर्शन झेल रहे हैं और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (आईडीसी) लखनऊ में बैठकर तमाशा देखते हैं।

यह भी पढ़े: राज की खबरः यमुना प्राधिकरण ने क्यों बढ़ाई आवासीय स्कीम

मैं 15 दिन का समय दे रहा हूं। ये समय उद्योग मंत्री को भी दे रहा हूं। जल्दी से समस्या का समाधान करें। हालांकि इसे लेकर आईडीसी मनोज कुमार सिंह ने बयान देते हुए कहा कि विधायक को क्षेत्रीय लोगों से मिलना मुसीबत नहीं समझना चाहिए। हालांकि, मामला रक्षामंत्री के बेटे और सूबे के सबसे ताकतवर नौकरशाह से जुड़ा हुआ था। लिहाजा, फौरी तौर पर इस विवाद को शांत कर दिया गया। वहीं, पकंज सिंह ने भी दो दिन बाद लखनऊ आकर सीएम योगी से मुलाकात की थी। ठीक इसी प्रकार कई अन्य जनप्रतिनिधि भी है जो समय समय पर अफसरों पर बरसते है श्किायत करते है लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नही की जाती। यही वजह है जो भाजपा के नेता हार के लिए अफसरों की कार्यशैली को जिम्मेदार बता रहे है।

यहां से शेयर करें