पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहुंचे बाइक सवार को नहीं मिलेगा ईंधन, 150 बाइक सवारो का कटा चालान

Noida News : गौतम बुद्ध नगर जिले में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ पॉलिसी को सख्ती से लागू किया जा गया है। इस पॉलिसी के तहत, बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस अभियान को फिर से तेज किया गया है, जिसके चलते कई मामलों में चालक को न केवल ईंधन से वंचित किया गया, बल्कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान भी काटा गया।

जिले के पेट्रोल पंपो पर बिना हेलमेट तेल लेने पहुंचे करीब 150 चालकों का चालान किया गया है। परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम द्वारा बीते 15 दिनों से चलाए जा रहे जांच अभियान में यह कार्रवाई की गई है। अभियान के शुरूआती दिनों में चालकों को जागरुक किया गया था। जिले में नो हेलमेट नो फ्यूल लागू कर दिया गया है। प्रदेश के परिवहन आयुक्त बीएन सिंह के आदेश पर सड़क सुरक्षा के तहत यह अनिवार्यता की गई है। इसके तहत जिला प्रशासन, पुलिस और यातायात पुलिस की टीम पेट्रोल पंपों पर जांच अभियान चला रही है। एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर जांच अभियान चलाया जा रहा है।
इसमें अभी तक लगभग 18 पेट्रोल पंप पर जांच की गई है।

आरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि हेलमेट न पहनना एक गंभीर लापरवाही है, जिसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। यह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा भी है, जिससे जान का जोखिम बढ़ जाता है और चोटें भी गंभीर होती हैं|

यह पॉलिसी पहली बार 2019 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लागू की गई थी, जब जिला प्रशासन ने 1 जून से पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए थे कि बिना हेलमेट वाले बाइक सवारों को पेट्रोल न दें। उस समय इस कदम से हेलमेट न पहनने वाले उल्लंघनों में 30% की कमी आई थी, लेकिन लागू करने में चुनौतियां भी आईं है। अब 2025 में, परिवहन विभाग ने 26 जनवरी से इसे फिर से लागू किया है, और सितंबर में महीने भर का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 129 के अनुसार, दोपहिया वाहन चालक और पिलियन राइडर दोनों को बीआईएस प्रमाणित हेलमेट पहनना अनिवार्य है। उल्लंघन पर धारा 177 के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। 2024 में नोएडा में हेलमेट न पहनने के लिए 17 लाख से ज्यादा चालान काटे गए, जो 2023 से 69% और 2022 से 616% अधिक है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, कुल चालानों में 60-68% हेलमेट से जुड़े होते हैं।

हालांकि, इस पॉलिसी का पालन न करने पर पेट्रोल पंपों को भी दंडित किया जाता है। 2019 में एक ग्रेटर नोएडा के पेट्रोल पंप पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, क्योंकि उन्होंने बिना हेलमेट वाले सवारों को ईंधन दिया था। पंप मालिकों को होर्डिंग्स लगाने और सीसीटीवी कैमरे चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि विवाद की स्थिति में सबूत उपलब्ध हों।

पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन ने चिंता जताई है कि इससे पंपों पर झगड़े बढ़ सकते हैं और ग्राहकों को असुविधा होगी। कुछ मामलों में, सवार हेलमेट उधार लेकर पॉलिसी को चकमा देते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि यह अभियान न केवल चालान काटने का माध्यम है, बल्कि जागरूकता फैलाने का भी। कानवार यात्रा जैसे विशेष अवसरों पर कुछ छूट दी जाती है, लेकिन सामान्य दिनों में सख्ती बरती जा रही है।

ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि पॉलिसी अच्छी है, लेकिन इसे लागू करने की जिम्मेदारी पुलिस पर होनी चाहिए, न कि पंप कर्मचारियों पर। यदि आप भी दोपहिया वाहन चलाते हैं, तो हेलमेट पहनकर ही बाहर निकलें, वरना ईंधन और चालान दोनों का नुकसान हो सकता है।

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