Big Decision: भारतीय कुश्ती संघ की मान्यता रद्द, विवादों के बीच सरकार का बड़ा फैसला
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Big Decision: भारतीय कुश्ती संघ की मान्यता रद्द, विवादों के बीच सरकार का बड़ा फैसला

Big Decision:  नई दिल्ली। भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को बड़ा फैसला लिया। उसने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ (Indian Wrestling Association) को निलंबित कर दिया है। माना जा रहा है कि खिलाडिय़ों के विरोध के कारण मंत्रालय ने यह फैसला लिया। इस साल पहलवानों के विरोध के बाद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उसके बाद चुनाव हुआ और बृजभूषण शरण के ही करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए।

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संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोडऩे का एलान कर दिया था। उनके बाद बजंरग पूनिया ने पद्म श्री लौटा दिया था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्म श्री लौटाने का एलान कर दिया था।
खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि नए संघ ने नियमों के खिलाफ जाकर आगामी टूर्नामेंट और कार्यक्रमों का ऐलान किया था। हाल ही में कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की थी, जिसमें ये टूर्नामेंट 28 दिसंबर से यूपी के गोंडा में शुरू होना था. इसको लेकर रेसलिंग छोड़ चुकीं साक्षी मलिक ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं, वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है. साक्षी मलिक ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, गोंडा बृजभूषण का इलाका है. अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लडऩे वहां जाएंगी. क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं.। Indian Wrestling Association

बजरंग ने कहा, जो संघ बनाई जाती है वह खिलाडिय़ों की मदद के लिए बनाई जाती है, उन्हें परेशान करने के लिए नहीं। हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने हर राज्य में अपने लोग रखे हैं। हमारी सच्चाई नहीं दिखाई गई। हम किसी तरह राजनीति से नहीं जुड़े थे। विपक्ष ने हमारा साथ दिया। हमने सरकार के लोगों को भी कहा था साथ देने के लिए। किसी ने तब साथ नहीं दिया। महिला सांसदों को खत भी लिखा था, लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया। लड़कियों ने हिम्मत जुटाई।

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