Badlapur Case: बदलापुर में इंटरनेट बंद, 300 लोगों के खिलाफ FIR, 40 गिरफ्तार
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Badlapur Case: बदलापुर में इंटरनेट बंद, 300 लोगों के खिलाफ FIR, 40 गिरफ्तार

Badlapur Case: महाराष्ट्र के बदलापुर (Badlapur) में दो किंडरगार्टन बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद बवाल मचा हुआ है. घटना के बाद लोग आक्रोशित हो गए और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया. स्कूल में तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इंटरनेट बंद कर दिया गया. इस पूरे मामले में विरोध में प्रदर्शन कर रहे करीब 300 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद पुलिस ने 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. ठाणे पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोगों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.

Badlapur Case:

बदलापुर में दो स्कूली छात्राओं के यौन शोषण के विरोध में रेल रोको प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान मध्य रेलवे की कुछ रेल सेवाएं बंद कर दी गईं थीं। दोपहर में प्रदर्शनकारी स्कूल पहुंचे और तोड़फोड़ की। इसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस ने रेलवे ट्रैक खाली कराया। दोपहर एक बजे प्रदर्शनकारी वापस रेलवे ट्रैक पर आ गए।

प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर स्टेशन पर बवाल किया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हटाने के 10 घंटे बाद रेल सेवाएं बहाल की गईं।

मध्य रेलवे के डीसीपी जीआरपी मनोज पाटिल ने बताया कि अब स्थिति सामान्य है। ट्रेनों की आवाजाही भी हो रही है। कोई धारा नहीं लगाई गई है। अफवाहें न फैलें इसलिए कुछ दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं हैं। पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन और बवाल करने पर पुलिस ने 300 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जबकि 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

बदलापुर में क्या-क्या हुआ, समझें पूरा घटनाक्रम
मंगलवार को मामला सामने आने के बाद हजारों लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया. इसके कारण 12 एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा. 30 लोकल ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा और कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों का रूट भी बदला. बदलापुर में प्रदर्शन हिंसक हो गया और गुस्साए लोगों ने स्कूल पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की. बदलापुर रेलवे स्टेशन के पास एक बस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस ने नौ घंटे बाद लाठीचार्ज कर रेल पटरियों को खाली करवाकर विरोध प्रदर्शन खत्म किया.
पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत 12 घंटे बाद दर्ज की. सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने जांच में पाया कि स्कूल में लगा सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था. माता-पिता ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि लड़कियों के टॉयलेट की सफाई के लिए महिला कर्मचारी को क्यों नहीं नियुक्त किया गया.
पीड़ितों के परिजन स्कूल गए और बच्चियों से बयान लेने के लिए पुलिस के आने से पहले तीन घंटे तक इंतजार किया. स्कूल प्रबंधन ने घटना के लिए प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया. आरोपी सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे को 1 अगस्त को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया गया था.
महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच में कथित लापरवाही के लिए एक सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने ठाणे पुलिस आयुक्त को मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. इस बीच आरोपी को एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.

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