हिमाचल प्रदेश और गुजरात में अब पिक्चर स्पष्ट हो चुकी है कि कब और कैसे चुनाव होंगे। आज गुजरात के विधानसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग ने तिथि घोषित कर दी हैं, लेकिन परिणाम दोनों राज्यों के एक साथ 8 दिसंबर को आएंगे। खास बात यह है कि इस चुनाव में भाजपा को अलग ही रणनीति बनाकर चलनी होगी, क्योंकि हिमाचल और गुजरात में मुस्लिम कार्ड नहीं चलने वाला इन दोनों ही राज्यों में मुसलमानों की आबादी कम है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज कर पहाड़ी होने का फायदा ढूंढ रही है। जबकि गुजरात में भाजपा का स्टेटजी बनाकर अपनाएंगी । इस बारे में बड़े-बड़े नेता मंथन कर रहे हैं। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में जिस वक्त चुनाव होते हैं तो भाजपा के पास बहुत अच्छा मुद्दा यानि हिंदू-मुसलमान होता है। विषलेशक कहते है कि इन राज्यों में विकास की नहीं बल्कि धर्म पर ही वोट मांगे जाते हैं। हो सकता है कि गुजरात में भाजपा को आम आदमी पार्टी सीधे टक्कर दे। क्योंकि अरविंद केजरीवाल भी हिंदुत्व का कार्ड खेलने में पीछे नहीं है। हिमाचल में कांग्रेस अपनी खोई जमीन को तलाश रही है। आम आदमी पार्टी ने अपना पूरा फोकस गुजरात पर किया है। हिमाचल में चुनाव जरूर लड़ रही है मगर दिमाग गुजरात में ही है। अरविंद केजरीवाल लगातार पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ गुजरात दौरे पर जा रहे हैं।
12 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। इसके लिए 17 अक्तूबर को अधिसूचना जारी हो चुकी है। मतगणना आठ दिसंबर को होगी। वही गुजरात में 1 दिसबंर और 5 दिसबंर को मतदान किया जाएंगा जबकि 8 दिसबंर को ही मतगणना होगी।