Amrapali Buyers ध्यान दें, इस तरह अपना फंसा पैसा निकाल सकेंगे
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Amrapali Buyers ध्यान दें, इस तरह अपना फंसा पैसा निकाल सकेंगे

नोएडा। आम्रपाली के बायर्स (Amrapali Buyers )के लिए राहत भरी खबर है। जो काम पहले चोरी छुपे हो रहे थे वो अब बिना किसी के डर से हो सकेंगे। दरअसल, अब रजिस्ट्री कराने से पहले ही फ्लैट का मालिकाना हक ट्रांसफर करा सकेंगे। यानी फ्लैट बायर्स को लाभ होगा, जिनकी रजिस्ट्री तत्काल नहीं हो रही है और जिन्हें पैसे की जरूरत है। आम्रपाली के कोर्ट रिसीवर की ओर से कुछ कैटेगरी के फ्लैट खरीदारों को इस सुविधा से वंचित रखा गया है।
आम्रपाली बिल्डर के मामले में बीते कई वर्षों से फ्लैटों के काम अधूरे रहने और रजिस्ट्री नहीं होने की परेशानी बनी हुई है। कई फ्लैट खरीदारों ने जीवन भर की जमा पूंजी फंसे होने पर काफी परेशानी जाहिर करते है। इसी कड़ी में 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था। इसी आधार पर आम्रपाली की कमेटी ने अब प्री-रजिस्ट्रेशन स्टेज ट्रांसफर का ऑफर दिया है। इसमें उन फ्लैट खरीदारों के लिए विकल्प देने की बात की गई है, जिनको वाकई अपने फ्लैट को बेचकर पैसे निकालने की जरूरत है।

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ये होगी पूरी प्रक्रिया
अब आम्रपाली के कोर्ट रिसीवर की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ऐसे फ्लैट खरीदार अपने फ्लैट को दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए आम्रपाली के कोर्ट रिसीवर कार्यालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। दस्तावेज पर पहली और दूसरी पार्टी के दस्तखत कराने होंगे। साथ ही कोर्ट रिसीवर के भी हस्ताक्षर होंगे। संपत्ति के मालिकाना हक के ट्रांसफर के बाद दूसरी पार्टी रजिस्ट्री विभाग में जाकर फ्लैट की रजिस्ट्री करा सकेंगे। हालांकि इससे पहले फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा होना भी जरूरी होगा। वही फ्लैट का मालिकाना हक देने के लिए कोर्ट रिसीवर की ओर से तय किए गए शुल्क का भुगतान करना होगा। नोएडा और गाजियाबाद की संपत्ति के लिए प्रशासनिक शुल्क के तौर पर 300 रुपये प्रति वर्गफुट और ग्रेटर नोएडा की संपत्ति के लिए 200 रुपये प्रति वर्गफुट की राशि चुकानी होगी। शुल्क के भुगतान के बाद ही मालिकाना हक देने का आवेदन किया जा सकेगा। इस बाबत उनको कोर्ट रिसीवर कार्यालय से एक फॉर्मेट मिलेगा, जिसके आधार पर आवेदन करना होगा।

 

इनको रखा गया सुविधा से वचिंत
प्रोजेक्ट से जुड़े वेंडर्स, ठेकेदार, निवेशक, फाइनेंसर, आम्रपाली के पूर्व कर्मचारी और जर्नल वाउचर से पेमेंट एडजस्ट करने वाले लोग इस सुविधा से वचिंत रहेंगे। उनका मालिकाना हक दूसरे पर नही जा सकेगा।

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