गाजियाबाद । महिलाओं में Thyroid की बीमारी गंभीर रूप लेती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में जांच के बाद प्रतिदिन 20 मरीजों में थायराइड की पुष्टि हो रही है। इनमें से दो प्रतिशत पुरूष भी इस बीमारी का शिकार हैं। ऐसे में नियमित खानपान और जीवनशैली में बदलाव से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
नियमित खानपान और जीवनशैली में बदलाव से बीमारी से बचाव संभव
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि अनियमित खानपान और जीवनशैली इस बीमारी का बड़ा कारण है। उन्होंने बताया थायराइड की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा होती है। इसके लिए जरूरी है कि लक्षणों के बारे में जानें और समय से चिकित्सकीय परामर्श लेकर बेहतर जीवन जिएं।
जिला एमएमजी चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि हमारे गले में सांस की नली के ऊपर तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन करती है और शरीर के तमाम अंगों की सामान्य क्रिया पूरी करने के लिए जरूरत के मुताबिक सप्लाई होता है। हार्मोन का उत्पादन कम या ज्यादा होना ही थायराइड की समस्या है। थायराइड दो प्रकार का होता है – हाइपर और हाइपो। हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होने पर हाइपर और कम होने पर हाइपो थायराइड।
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महिलाओं में देखने को मिलती है थायराइड की अधिक समस्या
महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना त्रिपाठी का कहना है कि महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक देखने को मिलती है। थायराइड की समस्या से पीरियड अनियमित हो जाते हैं, पीरियड के दौरान फ्लो कम या ज्यादा हो सकता है। ?स्किन डिसआॅर्डर भी देखा जाता है, कई बार थायराइड की समस्या पिंपल का कारण बन जाती है। थायराइड के कारण महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज और इन्फर्टिलिटी की समस्या भी हो जाती है। कई बार थायराइड असंतुलन के कारण ओवरी में सिस्ट भी बन जाती है, इसलिए 35 वर्ष की आयु के बाद नियमित जांच कराने की सलाह दी जाती है।
एमएमजी अस्पताल में ही थायराइड जांच की सुविधा
शहर के तीन बड़े अस्पतालों में से केवल एमएमजी अस्पताल में थायराइड जांच की सुविधा है। महिला अस्पताल और संयुक्त अस्पताल में थायराइड जांच के लिए एमएमजी की पैथोलॉजी लैब में ही मरीजों को जांच के लिए भेजा जाता हैं। आंकड़ों के मुताबिक तीनों अस्पतालों से थायराइड की जांच के लिए भेजे गए 100 मरीजों में से 20 मरीजों में पुष्टि हो रही है। इनमें से दो प्रतिशत मरीज पुरूष हैं।
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Thyroid बीमारी के लक्षण
– वजन कम या ज्यादा होना।
– घबराहट और थकान होना।
– सांस फूलना, नींद न आना।
– अधिक प्यास लगना।
– अवसाद, बाल झड़ना।
– त्वचा रूखी होना।
यह है बीमारी बचाव
– फाइबर युक्त भोजन करें।
– तला-भुना खाने से बचें।
– तनाव से बचें।
– चीनी का प्रयोग कम करें।
– कॉफी और सोया से बचें।
– गोभी खाने से बचें