Abhyrab Vaccine Australia warns: भारत में नकली रेबीज वैक्सीन पर जारी की चेतावनी, निर्माता कंपनी ने कहा- केवल एक बैच प्रभावित, अब बाजार में नहीं

Abhyrab Vaccine Australia warns: ऑस्ट्रेलिया की तकनीकी सलाहकार समिति ऑन इम्यूनाइजेशन (एटीएजीआई) ने भारत में नकली एंटी-रेबीज वैक्सीन ‘अभयरैब’ के प्रसार को लेकर चेतावनी जारी की है। समिति के अनुसार, 1 नवंबर 2023 के बाद भारत में अभयरैब वैक्सीन लगवाने वाले ऑस्ट्रेलियाई यात्रियों को अपनी वैक्सीनेशन को अमान्य मानना चाहिए और नया कोर्स शुरू करना चाहिए। यह चेतावनी 19 दिसंबर 2025 को जारी की गई थी।

ATAGI के अनुसार, नकली वैक्सीन प्राप्त करने वालों को रेबीज से अपर्याप्त सुरक्षा मिल सकती है, जो एक घातक वायरल बीमारी है। रेबीज जानवरों से मनुष्यों में फैलता है और लक्षण दिखने के बाद लगभग हमेशा घातक साबित होता है, लेकिन एक्सपोजर के बाद तुरंत इलाज से इसे रोका जा सकता है।
इस चेतावनी के जवाब में, वैक्सीन निर्माता कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) ने आज (27 दिसंबर 2025) एक बयान जारी कर ऑस्ट्रेलियाई सलाह को “अतिसावधानीपूर्ण और गलत जगह पर” बताया है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि नकली वैक्सीन का मामला केवल एक विशिष्ट बैच (बैच नंबर KA24014, निर्माण तिथि: मार्च 2024, एक्सपायरी: फरवरी 2027) तक सीमित है।

IIL के अनुसार, जनवरी 2025 में पैकेजिंग में अनियमितता पाई गई थी, जिसके बाद कंपनी ने तुरंत भारतीय नियामकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित किया, शिकायत दर्ज की और जांच में सहयोग किया। कंपनी ने जोर दिया कि यह एक अलग-थलग घटना है और संबंधित नकली बैच अब बाजार में उपलब्ध नहीं है।

कंपनी ने कहा कि अभयरैब वैक्सीन 2000 से निर्मित की जा रही है, जिसमें भारत और 40 देशों में 210 मिलियन से अधिक डोज सप्लाई की गई हैं, और भारत में इसका बाजार हिस्सा 40% है। हर बैच को केंद्रीय ड्रग्स लेबोरेटरी (सरकार ऑफ इंडिया) द्वारा टेस्ट और रिलीज किया जाता है, जो WHO-जिनेवा द्वारा प्री-क्वालीफाइड है। सरकारी संस्थानों और अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर्स से सप्लाई की गई वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं।
IIL के क्वालिटी मैनेजमेंट हेड सुनील तिवारी ने कहा, “सरकारी चैनलों और अधिकृत वितरकों से मिलने वाली सप्लाई मानक गुणवत्ता वाली और सुरक्षित है।”

कंपनी ने ATAGI को पत्र लिखकर वैक्सीन के निर्माण को WHO गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) और फार्माकोपियल मानकों के अनुरूप बताया है।

रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलती है। लक्षण दिखने के बाद यह लगभग हमेशा जानलेवा होती है, लेकिन एक्सपोजर के बाद तुरंत वैक्सीनेशन से रोकी जा सकती है।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने भी भारत और हैती की यात्रा करने वालों को रेबीज से सावधान रहने की सलाह दी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रियों को वैक्सीनेशन करवाते समय केवल अधिकृत स्रोतों का ही उपयोग करना चाहिए।

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