Internal strife in Congress: पूर्व विधायक ने गांधी को लिखा पत्र, खरगे की उम्र पर सवाल, प्रियंका को नेतृत्व की सलाह

Internal strife in Congress: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) में आंतरिक असंतोष की आग अब खुलकर भड़क रही है। ओडिशा के पूर्व विधायक मोहम्मद मोकीम ने पार्टी की संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी को एक लंबा पत्र लिखकर वर्तमान नेतृत्व पर कटाक्ष किया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उम्र को नेतृत्व के लिए अयोग्य बताते हुए युवा नेताओं, विशेष रूप से प्रियंका गांधी वाड्रा को जिम्मेदारी सौंपने की मांग की है। भाजपा ने इस पत्र को ‘टीम राहुल बनाम टीम प्रियंका’ की जंग का प्रमाण बताते हुए कांग्रेस की आंतरिक कलह पर तंज कसा है।

मोकीम, जो कटक के बाराबती-कटक निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व विधायक रह चुके हैं, ने पत्र में ओडिशा कांग्रेस की हालिया हारों को नेतृत्व की नाकामी का परिणाम बताया। उन्होंने लिखा, “पार्टी एक कठिन दौर से गुजर रही है। खरगे जी की उम्र उनके पक्ष में नहीं है। हमें युवा नेताओं को आगे लाना चाहिए।” पत्र की चार पृष्ठों वाली कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जिसमें मोकीम ने राज्य इकाई के प्रमुख भक्त चरण दास की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि दास को 2025 में फिर से अध्यक्ष बनाने का फैसला गलत था, क्योंकि इससे पहले तीन हारों के बावजूद उन्हें मौका दिया गया।

पत्र में मोकीम ने राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से तीन सालों में मुलाकात न हो पाना और खरगे के नेतृत्व में युवाओं से दूरी बढ़ना पार्टी के लिए घातक साबित हो रहा है। “पार्टी की सदी पुरानी विरासत फिसल रही है। यह बाहरी दुश्मनों की वजह से नहीं, बल्कि आंतरिक फैसलों के कारण हो रहा है,” उन्होंने चेतावनी दी। ओडिशा में छह लगातार हारों और राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक पराजयों का जिक्र करते हुए मोकीम ने कार्यकर्ताओं के बीच निराशा का वर्णन किया। उनका मानना है कि जमीनी स्तर के नेता अनदेखे और बिना दिशा के महसूस कर रहे हैं।

मोकीम की बेटी सोफिया फिरदौस वर्तमान में कटक से कांग्रेस की विधायक हैं, जो इस पत्र को और महत्वपूर्ण बनाती है। एएनआई को दिए बयान में मोकीम ने कहा, “मैंने सोनिया जी को पत्र इसलिए लिखा क्योंकि पार्टी को उनकी सलाह और नई दिशा की जरूरत है। नुआपाड़ा उपचुनाव की हार चिंताजनक है।” उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) इस पर चर्चा करेगी।

भाजपा का तंज
भाजपा ने इस पत्र को कांग्रेस की आंतरिक कमजोरी का सबूत बताते हुए हमला बोला। राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया, “टीम प्रियंका बनाम टीम राहुल अब खुलकर सामने आ गया। ओडिशा के वरिष्ठ नेता ने सोनिया को पत्र लिखा: खरगे हटाओ, प्रियंका लाओ। राज्य और केंद्रीय नेतृत्व पर हमला।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हारों का कारण आंतरिक कमजोरी है और यह ‘खरगे हटाओ, प्रियंका लाओ’ का नारा बन चुका है।

एक अन्य प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “कांग्रेस नेता डूबते जहाज को छोड़ना चाहते हैं। मोकीम ने खरगे के खिलाफ बोला, जैसा पीएम मोदी ने भविष्यवाणी की थी- कांग्रेस का विस्फोट हर दिन हो रहा है।” भाजपा का दावा है कि यह पत्र राष्ट्रीय संकट को दर्शाता है, जहां युवा नेतृत्व की मांग बढ़ रही है।

कांग्रेस की चुप्पी और पृष्ठभूमि
कांग्रेस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। मल्लिकार्जुन खरगे अक्टूबर 2022 से अध्यक्ष हैं, जब उन्होंने शशि थरूर को हराया था। सोनिया गांधी 1998 से 2017 तक सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं, उसके बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया। प्रियंका गांधी जनवरी 2019 में सक्रिय राजनीति में आईं और वर्तमान में महासचिव हैं। हाल ही में उनके वंदे मातरम पर लोकसभा भाषण की सराहना हुई, जबकि राहुल के चुनाव सुधारों पर अमित शाह ने पलटवार किया।

ओडिशा में कांग्रेस की हालिया नुआपाड़ा उपचुनाव हार ने असंतोष बढ़ाया है। मोकीम का पत्र राज्य इकाई में भक्त चरण दास के नेतृत्व पर सवाल उठाता है, जो तीन हारों के बावजूद बने हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पत्र पार्टी में सत्ता संघर्ष को उजागर करता है, जहां गांधी परिवार के प्रभाव के बावजूद युवा नेतृत्व की मांग तेज हो रही है।

यह घटना कांग्रेस के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर सकती है, खासकर 2029 लोकसभा चुनावों से पहले। क्या सोनिया गांधी इस मांग पर अमल करेंगी? या यह आंतरिक कलह और गहरा जाएगी? राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा का विषय है।

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