Uttarakhand News: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता रहा है। इस परीक्षा को पास करने का सपना लाखों युवा देखते हैं, लेकिन केवल कुछ ही इसे हासिल कर पाते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है तृप्ति काल्हंस की, जिन्होंने चार बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ऑल इंडिया रैंक (AIR) 199 हासिल हुई। आज वह न केवल एक IAS अधिकारी हैं, बल्कि एक कंपनी की CEO के रूप में भी अपनी पहचान बना रही हैं।
उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली तृप्ति काल्हंस की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो असफलताओं से निराश हो जाता है। तृप्ति ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। इस कठिन परीक्षा में उन्हें लगातार चार बार असफलता का सामना करना पड़ा। लेकिन हर बार वह और मजबूती के साथ उठीं और अपनी कमियों को सुधारने में जुट गईं।
तृप्ति ने अपनी रणनीति में बदलाव किया, पिछले प्रयासों से सीख ली और कड़ी मेहनत के साथ पांचवें प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 199वीं रैंक हासिल की। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश के यूपीएससी अभ्यर्थियों को प्रेरित किया।
यूपीएससी में सफलता के बाद तृप्ति को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में नियुक्ति मिली। उनकी मेहनत और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें जल्द ही एक नई भूमिका में ले गे । वर्तमान में, तृप्ति एक प्रतिष्ठित संगठन की CEO के रूप में कार्यरत हैं, जहां वे सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
तृप्ति का मानना है कि असफलता सफलता का हिस्सा है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “हर असफलता मुझे मेरे लक्ष्य के और करीब ले गई। मैंने हर बार अपनी गलतियों से सीखा और अगले प्रयास में उसे सुधारा।” उन्होंने यूपीएससी अभ्यर्थियों को सलाह दी कि वे धैर्य और आत्मविश्वास के साथ अपनी तैयारियों को जारी रखें। तृप्ति ने NCERT की किताबों, मॉक टेस्ट और नियमित लेखन अभ्यास को अपनी सफलता का मुख्य आधार बताया।
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