रमजान के महीने में किसी व्यक्ति को रोजा रखना है या नहीं वो उसकी अपनी श्रद्धा होती है हर व्यक्ति अपने काम के हिसाब से अपनी दिनचर्या के हिसाब से ही रोजा रखता है और कुछ ऐसे मामला थे जिसमे रोजा रखना वाजिब भी नहीं होता है। लेकिन धर्म के ठेकेदारों ने क्रिकेट मोहम्मद शमी को लेकर इतना बखेड़ा क्यों खड़ा किया है? ये सवाल हर मुस्लिम को भी अपने आप से कर लेना चाहिए दरअसल मोहम्मद शमी की एनर्जी ड्रिंक पीते हुए फोटो वायरल हुई और सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। कई मुल्ला मौलवियों ने मुखालफत शुरू कर दी, लेकिन उनके रोजा रखने को लेकर देश भर के अच्छे इमामों ने कहा है कि ये उनका निजी मामला है। देश के लिए वे खेल रहे और उनके अच्छे प्रदर्शन पर ध्यान लगाना वाजिब है। इसी को लेकर टीवी चैनलों को एक काम मिल गया है। आजकल प्राइम टाइम पर बहस इसी मामले को लेकर कराई जा रही है। शेयर मार्केट क्यों डूब रहा है? इस पर चुप्पी है लेकिन मोहम्मद शमी ने एनर्जी ड्रिंक पीया उसको लेकर तर्क वितर्क के साथ डिबेट हो रही है।
बताते है पूरा मसला क्या है।
दरअसल, रमजान के पाक महीने के दौरान मोहम्मद शमी की सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई। भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज इस तस्वीर में जूस या कोई पेय पदार्थ पीते दिखाई दे रहे हैं। वायरल तस्वीरों में दावा किया गया कि ये च्प्ब्ै आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान की है। शमी की ऐसी तस्वीर वायरल होते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया।
बहुत से एक्स और इंस्टाग्राम यूजर्स इस बात के लिए मोहम्मद शमी की लानत-मलानत करने लगे कि उन्होंने रमजान महीने होने के बावजूद रोजा क्यों नहीं रखा? मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन ने भी मोहम्मद शमी की आलोचना की। हालांकि उसे कही ज्यादा मौलानाओं ने इसे अपना निजी मामला बताया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने शमी को साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर हाशिम अमला का नाम लेकर ट्रोल भी किया। हालांकि, कुछ लोगों ने शमी का समर्थन भी किया।