Breaking News: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की है कि वह यूपी सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगे और जिम्मेदार अफसरों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे। दरअसल, महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दूसरे अमृत स्नान की शुरूआत होते ही हादसा हुआ था। सरकार की और से पुष्टी हुई है कि इसमें 30 लोगों की मौत हुई है। जबकि ये आकड़ा अधिक बताया जा रहा है।
वीआईपी मूवमेंट पर सवाल
बता दें कि महाकुंभ जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भगदड़ जैसे हादसे रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने के साथ नीति और नियमन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। एक वकील ने यह जनहित याचिका दायर की है। इसमें यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित न हो, उनके लिए कोई खतरा पैदा न हो और महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाए।
अफसरों पर कानूनी कार्रवाई की मांग
इस जनहित याचिका में यूपी सरकार को 29 जनवरी को महाकुंभ के दौरान हुई घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों, अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में मंगलवार देर रात हुए हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग से कराने का आदेश दिया था। साथ ही मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का एलान किया गया है। घटना की जानकारी साझा करते हुए सीएम योगी भावुक भी हो गए थे।
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