न्यू नोएडा की गतिविधियाँ बढ़ने से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की प्रॉपर्टी के रेट पर लगा ब्रेक
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न्यू नोएडा की गतिविधियाँ बढ़ने से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की प्रॉपर्टी के रेट पर लगा ब्रेक

Noida And Yamuna Authority: न्यू नोएडा बनाने की गतिविधि अब तेज हो गई है। नोएडा प्राधिकरण ने सर्वे करा कर जीटी रोड पर हलचल बढ़ा दी। सिकंदराबाद के पास न्यू नोएडा का दफ्तर बनेगा। यहाँ पहले नोएडा प्राधिकरण का अस्थायी कार्यालय बनाया जाएगा। बता दें कि जिस जगह पर ईस्टर्न पेरिफेरल और जीटी रोड आपस में मिलते हैं वही प्राधिकरण दफ्तर बनाने के लिए जमीन फाइनल करेगा। प्राधिकरण किसानों से आपसी समझौते के आधार पर जमीन लेगा। दादरी से खुर्जा के बीच न्यू नोएडा बसाने के लिए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम एवं अन्य अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। पूरी टीम ने प्राधिकरण का दफ्तर खोले जाने वाली लोकेशन पर ज़मीनी हकीकत जानी। प्राधिकरण दफ्तर के लिए जोखाबाद और सांवली गांव में जमीन देखी गई है। इस सबके बीच यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन की खरीद फरोख्त पर सीधे असर पड़ेगा। जिस तरह से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन के रेट बढ़ रहे थे। अब उस पर ब्रेक लग जाएगा।

न्यू नोएडा जल्दी क्यों होगा कामयाब

न्यू नोएडा के जल्द बसने के पीछे सबसे बड़ा कारण है, दादरी से लेकर खुर्जा तक गांव ही गांव है और कई कस्बे भी बीच में पड़ते हैं जिसके चलते यहाँ अच्छी आबादी है। यही सबसे बड़ा कारण है इस क्षेत्र को बसाने में अहम भूमिका निभाएगा। जीटी रोड सबसे पुराना मार्ग है जो कलकत्ता तक जाता है। जीटी रोड पर अनेकों शहर जबकि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे है, लेकिन जितने भी शहर पड़ते हैं वो इससे काफी दूर है।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लिटिगेशन में फंसी है काफी जमीन

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में किसानों से ली गई जमीन के बाद विरोध शुरू हो गया। काफी किसानों ने मुआवजा ले लिया, लेकिन कुछ ऐसे किसान भी बच गए जिन्होंने प्राधिकरण के खिलाफ़ हाई कोर्ट का रास्ता अपना लिया। लंबे समय से वाद लंबित चल रहे हैं। जिसके चलते वर्षों से यमुना प्राधिकरण का विकास रुका है लेकिन एयरपोर्ट का काम तेजी से हो रहा है।

फाइनेंसरों ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बढ़ा दिए जमीन के रेट

एक वक्त था जब यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लोग जमीन लेने से कतरा रहे थे। प्राधिकरण कर्ज में डूब चुका था लेकिन पिछले चार पांच सालों में यह स्थिति बदलती चली गई। प्राधिकरण बड़े बड़े उद्योगों को हजारों मीटर जमीन आवंटित कर रहा है। अलग अलग स्कीम के माध्यम से आवासीय भूखंड भी आवंटित किए गए हैं लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि किसानों से विवाद के चक्कर में प्राधिकरण आवंटियों को कब्जा नहीं दे पा रहा है।

न्यू नोएडा में किसानों से खींचतान होने के कम आसार

न्यू नोएडा में किसानों के साथ खींचतान के कम आसार रहेंगे क्योंकि प्राधिकरण किसानों से आपसी सहमति पर जमीन लेगा। इसका मतलब यह हुआ कि जब किसान अपनी मर्जी से जमीन दे देंगे तो विकास कार्य करने में कोई बाधा नहीं आएगी।

 

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