Pollution: स्मॉग की चादर में लिपटा शहर खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
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Pollution: स्मॉग की चादर में लिपटा शहर खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

Pollution: नोएडा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा बुधवार को दिन भर कोहरे के साथ स्मॉग की चादर में लिपटा रहा। स्मॉग के कारण वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। बुधवार को ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 364 पहुंच गया। वहीं नोएडा का एक्यूआई भी 359 दर्ज हुआ। वायु गुणवत्ता के पैमाने पर दोनों शहर रेड जोन में है। ग्रेटर नोएडा देश का सातवां और एनसीआर का दूसरा सबसे प्रदूशित शहर रहा है। वहीं स्मॉग के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। उधर विभाग का कहना है कि अब हवा और बारिश से ही राहत मिल सकती है। अहम है कि महज 24 घंटे पहले नोएडा में एक्यूआई का स्तर 222 दर्ज किया गया था। जबकि ग्रेनो में यह 277 था।

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सर्दी शुरू होने के साथ ही अक्तूबर से दिल्ली एनसीआर की हवा प्रदूषित होना शुरू हो जाती है। इस बार शुरुआत में राहत रही और वायु प्रदूषण ऑरेंज जोन में रहा। दिवाली पर पटाखों के कारण वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका थी पर हवा के कारण ऐसा नहीं हुआ। केवल एक दिन प्रदूषण रेड जोन में पहुंचा था। उसके बाद से ऑरेंज जोन में बनाया हुआ था, लेकिन मंगलवार देर रात से शहर में कोहरा और स्मॉग की चादर छाने लगी। बुधवार सुबह घना कोहरा रहा। सूरज निकलने के साथ ही कोहरा हल्का हो गया, लेकिन स्मॉग की चादर शहर में छाई रही। अचानक तापमान गिरने से शहर में वायु प्रदूषण का स्तर पर काफी बढ़ गया।

Pollution: उच्चतम स्तर पर पहुंचे पीएम-10 और 2.5
वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही पार्टिकुलेट मैटर-2.5 (पीएम) और पीएम-10 काफी बढ़ गए हैं। ग्रेटर नोएडा में पीएम 2.5 का स्तर 400 के पार चला गया। जबकि पीएम-10 500 के पार चला गया था। पीएम-10 में धूल के मोटे कण और पीएम- 2.5 में धूल के बारीक कण होते हैं। जो सांसों के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।

Pollution: जल्द राहत की नहीं उम्मीद, हवा पर निर्भर
यूपीपीसीबी के अफसरों का कहना है कि वायु प्रदूषण से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। विभाग और प्राधिकरण की तरफ से रोकथाम के इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन वो काफी नहीं होंगे। हवा चलने या फिर बारिश होने पर ही वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी।

Pollution: चार नवंबर को रेड जोन में था एक्यूआई
एक अक्तूबर से अब तक ग्रेटर नोएडा और नोएडा का एक्यूआई गिने-चुने दिन ही रेड जोन में रहा था। आखिरी बार चार नवंबर को दोनों शहर का एक्यूआई रेड जोन में रहा था। उस दिन ग्रेनो का एक्यूआई 305 और नोएडा का एक्यूआई 319 रहा था, लेकिन अगले ही दिन सुधार होने के बाद ऑरेंज जोन में पहुंच गया।

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