Noida: यूनिटेक में प्राधिकरण आखिर क्यों चाहता है कि इंडीविजुअल की तरह हो काम, बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार

Supreme Court:

Noida: नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस-वे सेक्टर 94 यूनिटेक के हाउसिंग प्रोजेक्ट के पूरा होने की देखरेख के लिए सरकार ने बोर्ड नियुक्त किया। अब बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बोर्ड की तरफ से अदालत द्वारा अनिवार्य किए गए पूरे प्रोजेक्ट को न करते हुए इंडीविज्यूअल यूनिट को मंजूरी देने के नोएडा प्राधिकरण के फैसले को चुनौती दी गई है। बोर्ड ने यह पूरी परियोजना के बजाय एक-एक फ्लैट को चुनकर स्वीकृति देने की प्रक्रिया अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन करती है।

विवाद क्यो हो रहा
मालूम हो कि यूनिटेक के अटके प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अपने आवेदन में पूरे प्रोजेक्ट के विकास के लिए स्वीकृति देने के बजाय इंडीविज्यूअल यूनिट को मंजूरी देने के लिए नोएडा प्राधिकरण की आलोचना की। वहीं, बोर्ड ने कहा कि एक-एक फ्लैट और यूनिट को मंजूरी दिए जाने के बजाय पूरे प्रोजेक्ट को एक इंटीग्रेटेड टाउनशिप के रूप में विकसित किया जाना था। बोर्ड ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष अपने आवेदन में कहा कि यह समझ से परे है कि जब प्रोजेक्ट को समग्र रूप से एक इंटीग्रेटेड टाउनशिप के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, तो इंडीविज्यूअल यूनिट के लिए अनुमति कैसे दी जा सकती है।

बोर्ड ने जताई चिंता
इस पूरे प्रकरण को देखते हुए बोर्ड ने यह भी चिंता जताई कि इस तरह की स्वीकृति प्रक्रिया से रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (त्म्त्।) से विनियामक मंजूरी प्राप्त करने में बाधा आ सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले यूनिटेक प्रबंधन द्वारा घर खरीदारों से एकत्र किए गए 70 प्रतिशत फंड अब उपलब्ध नहीं हैं, जिससे इन अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने में समस्या खड़ी हो रही है। बोर्ड की यह अपील ऐसे समय आई है, जब हजारों फ्लैट बायर लंबे समय से अपने फ्लैट पर कब्जा पाने का इंतजार कर रहे हैं। ये अधूरे ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर 96, 97, 98, 113 और 117 में हैं। इन प्रोजेक्ट्स में निवेश करने वालों की घड़कने बढ रही है।

 

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