America: डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पाकिस्तानी गिरफ्तार, ईरान से संबंध
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America: डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पाकिस्तानी गिरफ्तार, ईरान से संबंध

America: अमेरिका में पाकिस्तानी नागरिक आसिफ मर्चंट पर डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अमेरिकी अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने के मामले में मंगलवार को आरोप तय किए गए। उसे बीते महीने गिरफ्तार किया गया था। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बीते माह पेंसिल्वेनिया के बटलर में डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की कोशिश से उसका कोई संबंध था। बावजूद इसके यह भी दावा किया गया है कि ट्रंप उसके निशाने पर थे।

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न्याय विभाग के मुताबिक, मर्चेंट एक खास मकसद से पाकिस्तान से अमेरिका गया था. लेकिन अमेरिका पहुंचने से पहले उसने कुछ समय ईरान में बिताया था. आसिफ जून में न्यूयॉर्क गया था, जहां उसे इन हाई प्रोफाइल हत्याओं की सुपारी देने के लिए एक शख्स से मिलना था. आसिफ ने इसके लिए दो सुपारी किलर्स को 5000 डॉलर की पेमेंट भी की थी. लेकिन जिन्हें सुपारी दी गई, वे असल में अंडरकवर एजेंट थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुपारी के बाद जैसे ही आसिफ ने अमेरिका से रवाना होने की कोशिश की, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन रवाना होने से पहले उसने किलर्स से कहा था कि पाकिस्तान पहुंचने के बाद वह उन लोगों के नाम उजागर करेगा, जिनकी हत्या की जानी है. सूत्रों के मुताबिक, न्याय विभाग ने आसिफ पर आरोप लगाते समय ट्रंप के नाम का उल्लेख नहीं किया गया. लेकिन जिन लोगों को निशाना बनाया जाना है, उनमें ट्रंप शामिल हैं.

अमेरिकी न्याय विभाग ने इसका खुलासा किया। आरोपी 46 वर्षीय आसिफ रजा मर्चेंट है। मर्चेंट 2020 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने आया था।
मामले में उससे पूछताछ चल रही है।

12 जुलाई को किया गया था गिरफ्तार
मर्चेंट को अमेरिका से भागते समय पकड़ा गया था। उसके खिलाफ ब्रुकलिन के संघीय कोर्ट में शिकायत दायर की गई, जिसके बाद 16 जुलाई को गिरफ्तारी के आदेश हुए।
विभाग ने बताया कि मर्चेंट ने कुछ समय ईरान में बिताया और उसके बाद पाकिस्तान से अमेरिका आया।
अप्रैल में अमेरिका आए मर्चेंट ने न्यूयॉर्क में कुछ शूटरों से मुलाकात कर उन्हें करीब 4.19 लाख रुपये का भुगतान भी किया था, लेकिन वे कानून विभाग के खुफिया अधिकारी थे।

पाकिस्तान लौटकर शूटरों को देना था आदेश
न्याय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब वह अगस्त या सितंबर में पाकिस्तान लौट जाएगा, तब लक्षित लोगों के नाम का खुलासा करेगा। हालांकि, उससे पहले उसे पकड़ लिया गया।
अधिकारियों का कहना है कि उसकी सूची में कई राजनीतिक नेता थे, जिसमें ट्रंप का नाम भी शामिल होने की संभावना है।
आरोपी के ईरान से संबंध की जानकारी होने पर ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बता दें, हाल ही में ट्रंप पर हमला भी हुआ था।

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कौन हैं आसिफ मर्चेंट?
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, आसिफ मर्चेंट एक पाकिस्तानी नागरिक है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उनका जन्म 1978 के आसपास कराची में हुआ था। एफबीआई ने उसके बारे में बताया कि आसिफ मर्चेंट की पत्नी और बच्चे ईरान में हैं और दूसरा परिवार पाकिस्तान में है। उसके यात्रा रिकॉर्ड के अनुसार, आसिफ मर्चेंट अक्सर ईरान, सीरिया और इराक की यात्रा किया करता था।

एफबीआई के अनुसार, आसिफ मर्चेंट अप्रैल 2024 में पाकिस्तान से अमेरिका पहुंचा था। जहां उसने एक ऐसे व्यक्ति से संपर्क किया, जिसके बारे में उसका मानना था कि वह उसकी हत्या की साजिश में उसकी मदद कर सकता है। इसके बाद वह जून में न्यूयॉर्क में उस व्यक्ति से मिला, जिसने बाद में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मर्चेंट बारे में जानकारी दी और सरकारी जासूस बनकर उसने मर्चेंट की योजना की जानकारी दी।

एफबीआई ने एक बयान में कहा कि मर्चेंट ने सरकारी जासूस बने व्यक्ति को बताया कि वह एक-एक करके कई अधिकारियों को मारेगा। इसके अलावा, उसने कई आपराधिक योजनाएं बनाईं थी। जैसे कि किसी टारगेट के घर से दस्तावेज़ या यूएसबी ड्राइव चोरी करना, विरोध की योजना बनाना और एक राजनेता या सरकारी अधिकारी की हत्या करना।

एफबीआई ने कहा कि मर्चेंट ने कथित हत्यारे से कहा कि हत्या उसके संयुक्त राज्य अमेरिका छोड़ने के बाद की जाएगी और वह कोड शब्दों का उपयोग करके विदेश से उसके साथ संवाद करेगा। एफबीआई ने बताया कि सूत्र द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक मर्चेंट की योजना अगस्त के आखिरी हफ्ते या सितंबर के पहले हफ्ते में किसी अधिकारी को मरवाने की थी।

21 जून को, आसिफ ने अपने साथी के साथ मिलकर साजिश को अंजाम देने के लिए 5,000 डॉलर का भुगतान किया। इसके बाद, उसने अमेरिका से निकलने के लिए उड़ान की व्यवस्था की और 12 जुलाई को अमेरिका छोड़ने की योजना बनाई। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंटों ने उनके जाने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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