Ghaziabad: गाजियाबाद । गर्मी बढ़ने से संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ने लगा हैं। पिछले चार महीने में पानी के 88 नमूनों फेल पाए जाने से मंडलायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को जांच अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। संचारी रोगों की समीक्षा के दौरान मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. ने खाद्य पदार्थ और पानी की जांच के निर्देश दिए हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि अभियान के तहत पानी के प्लांट, होटल, ढाबे, हॉस्टल, फूड स्टॉल और घरों में भी पानी की जांच होगी। पिछले साल कई स्कूल और कॉलेजों में फूड पॉइजनिंग के मामले सामने आए थे। विभागीय टीमों को उन सभी स्कूल और कॉलेज में पानी की जांच के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर भी स्कूल, कॉलेज और हॉस्टलों में जांच अभियान चलाया जाएगा।
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डीएसओ ने बताया कि गर्मी बढ़ने से फूड स्टालों पर खाद्य पदार्थ दूषित हो जाते हैं। उन्हें भी परोस दिया जाता है। इससे भी संक्रामक रोग फैलने की आशंका रहती है। पानी के प्लांटों से सप्लाई होने वाले पानी में लगातार बैक्टीरिया मिल रहे हैं। इसके साथ ही अधिकांश इलाकों में पानी में टीडीएस की मात्रा भी काफी ज्यादा मिल रही है।
नोटिस तक सीमित है स्वास्थ्य विभाग
जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पानी के सैंपल फेल होने पर नोटिस जारी कर सकता है। कार्रवाई संबंधित विभाग को करनी होती है। नगर निगम, आवास विकास, जीडीए समेत प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
पानी में टीडीएस की मात्रा भी ज्यादा
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने कहा कि जिले में पानी में टीडीएस की मात्रा मानक से कहीं ज्यादा है। सामान्य रूप से पानी में 150 से 200 तक टीडीएस होना चाहिए, लेकिन अधिकांश सैंपलों में टीडीएस की मात्रा 500 से 1000 तक मिल रही है। यहां तक कि आरओ प्लांट से सप्लाई होने वाले पानी में भी टीडीएस की मात्रा मानक से अधिक मिल रही है। लंबे समय तक अधिक टीडीएस वाला पानी पीने से हार्ट, स्टोन और संक्रमण भी हो सकता हैं।
चार महीनों के आंकड़े
माह सैंपल फेल
जनवरी 110 17
फरवरी 166 28
मार्च 106 18
अप्रैल 162 21
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