ये ऐसा गिरोह जो पुलिस कमिश्नरेट की नाक के नीचे बैठ करता था अमरिकी नागरिकों से ठगी
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ये ऐसा गिरोह जो पुलिस कमिश्नरेट की नाक के नीचे बैठ करता था अमरिकी नागरिकों से ठगी

नोएडा । नोएडा में बैठकर अमरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले एक गैंग का थाना सेक्टर 39 पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों ने सेक्टर-108 में अपना फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था। आरोपी यहीं से बैठकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी पिछले करीब तीन महीने में एक हजार से अधिक विदेशियों से ठगी कर चुके हैं।
डीसीपी विद्या सागर (DCP Vidya Sagar) ने बताया कि पुलिस को काफी दिनों से इस तरह की शिकायत मिल रही थी। आईटी टीम की मदद से पुलिस ने ए-66 सेक्टर-108 में संचालित कॉल सेंटर को पकड़ा। यहां से बीओआईपी कॉल, टीएफएन साफ्टफोन के माध्यम से ठगी की जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने छापा मारकर 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान प्रिंस , राम राठौर, वैभव अरोड़ा, तन्सुल सोलंकी, अंकित पंत, कौशिक सैन, शिवम शर्मा, ध्रुव चोपड़ा, सारांश दुआ, नवजोत सिंह, विक्की , मौ नादिर, वैभव गौड़ और सौरभ अवस्थी के रूप में हुई है। इनके निशाने पर अमेरिकी नागरिक रहते थे, जिन्हें ये आसानी से टारगेट कर अपना शिकार बना लेते थे।

 

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DCP Vidya Sagar ने बताया कि पकड़े गए आरोपी यूएसए के लोगों के कंप्यूटर में तकनीकी कमी, पोर्नोग्राफिक कंटेंट और एंटी वायरस न होने के कारण आईपी एड्रेस कंप्रोमाइज होने का डर दिखाते थे। डर की वजह से अमेरिकी नागरिक सिस्टम ठीक करने का आॅफर करता था। इसके लिए ये लोग 100 से 500 डॉलर तक वसूलते थे। एक बार पैसा आने पर ये कॉल डिस्कनेक्ट कर देते थे।
डीसीपी विद्या सागर ने बताया कि पकड़े गए लोग डार्क वेब के जरिए विदेशी नागरिकों का डेटा लेते थे। उनके मेल पर बल्क में फर्जी लिंक भेजते थे। कस्टमर के कॉल करने पर ये कॉल कंप्यूटर रिपोट डेस्कटॉप के जरिए मलम इमंउे सॉफ्टवेयर के जरिए कॉल सीधे कॉल सेंटर में लैंड कराती थी। उस कॉल को वहां काम करने वाले ये लोग रिसीव करते और अपने आप को विदेशी कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए बात करते थे। कस्टमर को आश्वस्त करते थे कि आपकी समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। इसके बाद कंट्रोल एनी डेस्क के जरिए ये कस्टमर के कंप्यूटर पर जाते थे। उसे बताते थे कि आपका सिस्टम हैक और आईपी एड्रेस कंप्रोमाइज हो गया है। इस समस्या का हल करने के लिए प्रोसेसिंग चार्ज लिया जाएगा। ये चार्ज एमएक्स, अमेजोन, एपल, गूगल प्ले, गेम स्टाप , सीफोरा, नोर्डस्ट्राम के गिफ्ट कार्ड या क्रिप्टो करेंसी के जरिए लेते थे। फोन कॉल तब तक डिस्कनेक्ट नहीं करते थे जब तक इन गिफ्ट कार्ड के 14 नंबरों को रीडिम नहीं करा लिया जाता था। जैसे ही कार्ड डेबिट होता था ये कॉल डिस्कनेक्ट कर देते थे। अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुके है। इनके पास से मिले डेटा से इसका आकलन किया जा रहा है।

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तीन महीने से संचालित हो रहा था कॉल सेंटर
एडसीपी शक्ति अवस्थी (Adcp Shakti Awasthi) ने बताया कि ये कॉल सेंटर दो से तीन महीने से संचालित हो रहा था। इन लोगों ने कितने लोगों के साथ ठगी की इसका डाटा निकाला जा रहा है। इनके पास से 18 लैपटॉप, 1 इंटरनेट राउटर, 2 इंटरनेट नेटवर्क स्विच, 4 कार, 17 हेडफोन बरामद किए गए हैं।

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