रि. कर्नल-एडीएम विवाद- हर एक अधिकारी की भूमिका की हो रही जांच
रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान के भी बयान दर्ज किए गए। मंडल आयुक्त और आईजी ने कहा कि समय रहते अधिकारी मामले को गंभीरता लेते तो इतना हंगामा नहीं होता और कर्नल को जेल भी नहीं जाना पड़ता।
नोएडा। सेक्टर-29 में कर्नल-एडीएम के बीच हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में मेरठ मंडल की कमिश्नर अनीता मेश्राम और आईजी रामकुमार ने सेक्टर-27 जिलाधिकारी कैम कार्यालय पहुंच कर सिपाही से लेकर सीओ तक के ब्यान दर्ज किए।
पीसीएस एसो. ने डीएम-एसएसपी की लापरवाही बताई
रिटायर्ड कर्नल और एडीएम के बीच इतना विवाद बढऩे के पीछे पीसीएस एसोसिएशन ने डीएम-एसएसपी की लापरवाही बताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि यदि दोनों अधिकारी इस मामले में वक्त से हस्तक्षेप करते तो मामला इतना तूल नहीं पकड़ता। वहीं कर्नल ने मंडलायुक्त से सीओ और एसएचओ को बर्खास्त करने कीमांग की है।
दोनों अधिकारियों ने इस मामले से संबंधित सभी पुलिस कर्मियों को बुलाया और जानने की कोशिश की कि आखिर किसकी कितनी गलती है। रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान के भी बयान दर्ज किए गए। मंडल आयुक्त और आईजी ने कहा कि समय रहते अधिकारी मामले को गंभीरता लेते तो इतना हंगामा नहीं होता और कर्नल को जेल भी नहीं जाना पड़ता। कर्नल को पूरा आश्वासन दिया गया है कि प्राधिकरण, पुलिस और प्रशासन के जितने भी अधिकारी दोषी हैं उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
विवाद में प्राधिकरण अधिकारियों की अनदेखी
मुख्य सचिव करेंगे पूछताछसेक्टर-29 में एडीएम ने फ्लैट निर्माण किया हुआ था। जिसकों लेकर यह विवाद बढ़ा। कर्नल चाहते थे कि अवैध निर्माण टूट जाए लेकिन इस मामले में प्राधिकरण अधिकारियों ने अनदेखी की। आज इस पूरे प्रकरण की जांच करने के लिए मुख्य सचिव अनुपचंद पांडे एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह नोएडा प्राधिकरण पहुंचे हैं। वह प्राधिकरण अधिकारियों से पूछेंगे कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई और यह मामला इतना कैसे बढ़ गया है। खबर लिखे जाने तक दोनों अधिकारी पूछताछ कर रहे थे।
उधर इस मामले में पीसीएस एसोसिएशन भी एडीएम हरिशचंद्र के बचाव में उतर आई हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह एवं महासचिव पवन गंगवार ने इस मामले में मुख्य सचिव डॉ. अनुप पांडे को ज्ञापन दिया।