G-20 Summit:अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में बदलाव समय की मांग: एंटोनियो गुटेरेस
1 min read

G-20 Summit:अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में बदलाव समय की मांग: एंटोनियो गुटेरेस

News Delhi: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक पत्रकार वार्ता में अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में बदलाव की मांग करता रहा है। इसी को आगे ले जाते हुए उन्होंने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर 21वीं सदी की वास्तविकताओं में निहित प्रभावी अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की आवश्यकता है। जी20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit:) में भाग लेने नई दिल्ली पहुंचे एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वे वैश्विक संस्थानों को वास्तव में सार्वभौमिक और आज की वास्तविकताओं का प्रतिनिधि बनाने और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए साहसिक कदमों की वकालत करते हैं।

यह भी पढ़े : Noida News:किसानों की एकता के सामने प्राधिकरण फेल, बुलडोलर वापस लेकर लौटे

भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के सवाल के जवाब में यूएन महासचिव ने कहा कि यह उनके हाथ में नहीं है। यह सदस्य देशों के फैसले से होगा। वे मानते हैं कि भारत एक महत्वपूर्ण देश है और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसके अलावा सुरक्षा परिषद में शीघ्र बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह जरूरी है लेकिन यह कब होगा, कहा नहीं जा सकता।
जी20 से अपनी अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए गुटेरेस ने कहा कि जी20 नेताओं को दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नेतृत्व दिखाना होगा। उन्हें एक तरफ जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे। दूसरा विकासशील देशों को उनके सतत विकास लक्ष्यों को पाने में मदद करनी होगी। उन्होंने कहा कि जलवायु संकट नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है लेकिन जी20 देश इस पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं। जी20 देश 80 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने एक जलवायु एकजुटता संधि को आगे बढ़ाया है, जिसमें बड़े उत्सर्जक उत्सर्जन में कटौती के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हैं और धनी देश इसे हासिल करने के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जी20 को सतत विकास लक्ष्यों को बचाने में नेतृत्व दिखाना होगा। उन्होंने ऐसे ठोस उपाय सामने रखे हैं, जिनसे तत्काल लाभ मिलेगा। इसमें प्रति वर्ष कम से कम 500 अरब डॉलर का एसडीजी प्रोत्साहन शामिल है। इसके अलावा एक प्रभावी ऋण तंत्र, बहुपक्षीय विकास बैंकों के व्यवसाय मॉडल में सार्थक पूंजीकरण और बदलाव भी जरूरी है। उन्होंने भारत के एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य की थीम का स्वागत करते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्र, कोई क्षेत्र, कोई समूह, यहां तक कि जी20 भी अकेले कुछ नहीं कर सकता। हम सबको एक परिवार के तौर पर मिलकर प्रयास करने होंगे और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना होगा।

EURO 2024 Qualifying: फ्रांस, नीदरलैंड, पोलैंड ने दर्ज की जीत

यहां से शेयर करें