आरबीआई की ओर से 19 मई को 2000 का नोट सर्कुलेशन से डिस्कन्टयू का ऐलान किया था। इसके तीन बाद यानी आज से देशभर के बैंकों में इस नोट को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आरबीआई ने 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदलने या खाते में जमा कराने को कहा है। आज जय हिन्द जनाब ने विभिन्न बैंको में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सभी स्थानों पर आराम से नोट बदलें जा रहे हैं लेकिन कुछ बैक बिना आईडी के तो कुछ बैक आईडी लेकर ही नोट बदल रहे है। सेक्टर 18 आईसीआईसीआई बैंक में आईडी प्रूफ के साथ ही नोट बदले जा रहे है। यहां के खाताधरकों के केवल अपना खाता संख्या देना है। इसके बाद उनसे कोई आईडी की जरूरत नही है।
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देशभर से अलग अलग बैंको के लिए तरीके इस प्रकार है। जो लोगों के मन में सवाल है उनका भी जवाब यही हैं। रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। ऑब्जेक्टिव पूरा होने के बाद 2018-19 में इसकी प्रिंटिंग बंद कर दी गई थी। आप अपनी पास की किसी भी बैंक की शाखा में जाकर ये नोट बदल सकते हैं। जवाबरू हां, आप किसी भी बैंक के ब्रांच में जाकर नोट बदल सकते हैं। उस बैंक में आपका अकाउंट हो ऐसा जरूरी नहीं है। आप सीधे काउंटर पर जाकर नोट बदल सकते हैं। वहीं अगर आपका उस बैंक में अकाउंट है तो आप ये रुपए अपने अकाउंट में जमा भी करा सकते हैं।
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एक बार में ₹20,000 की सीमा तक ₹2000 के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं। अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट डिपॉजिट (खाते में जमा) कर सकते हैं। नोट बदलने के लिए आपको कोई भी चार्ज (शुल्क) नहीं देना होगा। ये बिलकुल फ्री है। अगर कोई कर्मचारी आपसे इसके लिए पैसे मांगता है तो आप बैंक अधिकारी या बैंकिंग लोकपाल में इसकी शिकायत कर सकते हैं। लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि त्ठप् ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है।
यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति को जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे उन्हें 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी ब्रांच में डिपॉजिट करने या दूसरे नोटों से एक्सचेंज कराने होंगे। 2016 की नोटबंदी में जब 500 और 1000 को नोट बंद किए गए थे तो उसे बदलने के लिए लंबी लाइनें लग गई थीं। इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार वैसी स्थिति तो नहीं बनेगी, लेकिन थोड़ी बहुत परेशानी उठानी पड़ सकती है। सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी इससे लेनदेन करने में कतरा रहे हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें। 2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के नोट की कमी को पूरा करने के लिए 2000 के नोट छापे गए थे। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। यानी ये सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता है 2000 के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना सरकार की भूल सुधार है।