केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट का टकराव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कानून मंत्री ने संसद में सुप्रीम कोर्ट को नसीहत दी तो आज को चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार को करारा जवाब दिया है। उनका कहना था कि कोई भी केस छोटा नहीं होता। विटंर ब्रेक में कोर्ट के चलने के सवाल पर कहा कि इस दौरान कोई बेंच नहीं बैठने जा रही है।
दरअसल हुआ यूं कि कानून मंत्री रिजिजू ने बीते दिन अदालतों में लंबित केसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर तीखा वार किया था। उनका कहना था कि सरकार कोर्ट के कामों में दखल नहीं देना चाहती लेकिन पांच करोड़ केस देश की विभिन्न अदालतों में पेडिंग हैं। सरकार की चिंता उनको लेकर है। कानून मंत्री यहां तक बोले कि सुप्रीम कोर्ट के साथ दूसरे हाईकोर्ट्स में जो वैकेंसीज हैं वो चिंता में डाल ने वाली हैं। सरकार के पास अच्छे जजों की सिफारिशें नहीं आतीं।उनका कहना था कि संविधान ने सरकार को अधिकार दिया था कि वो अदालतों में रिक्त पदों को भरे। लेकिन 1993 के बाद स्थिति बदल गई। कानून मंत्री ने अदालतों में होनी वाली लंबी छुट्टियों पर भी तीखा तंज कसा था। उनका कहना था कि इतने लबित मामलों के बावजूद जज लंबी छुट्टी पर जाते हैं। कानून मंत्री का ये भी कहना था कि सुप्रीम कोर्ट को संवैधानिक मामलों की सुनवाई करनी चाहिए। छोटे-मोटे केसों में नहीं पड़ना चाहिए। इसी पर आज सीजेआई ने जवाब दिया है।