रीशेसन की आहटः जोमैटो में इस्तीफों की झड़ी, मोहित गुप्ता नही छोड़ी कंपनी

सरकार बार बार आश्वासन दे रही है कि आर्थिक क्षे़त्र में सब कुछ बढिया चल रहा है लेकिन हकीकत कुछ ओर ही दिख रही है। जिस तरह से दिग्गज कंपनियां भारतीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाकर बेरोजगार कर रही है उससे अंदाजा लगा सकते है कि ये रीशेसन (Recession) की आहट है। टविटर, फेसबुक जैसी कंपनियां हजारों की तादात में छटनी कर रही है।
यह बताना जरूरी है कि कोरोना काल के दौर में हुए नुकसान की भरपाई में लगी फूड डिलीवरी एप जोमैटो (Zomato) के लिए अभी भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। जोमैटो के सह-संस्थापक मोहित गुप्ता (Mohit Gupta) ने साढ़े चार साल के कार्यकाल के बाद कंपनी छोड़ दी है। हाल के हफ्तों में खाद्य वितरण प्रमुख से तीसरा हाई-प्रोफाइल एग्जिट है। इससे पहले जोमैटो के नए पहल प्रमुख और पूर्व खाद्य वितरण प्रमुख राहुल गंजू ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था, जबकि इसकी इंटरसिटी लीजेंड्स सेवा के प्रमुख सिद्धार्थ झावर ने घोषणा की कि उन्होंने एक सप्ताह पहले कंपनी छोड़ दी है। गुप्ता 2018 में जोमैटो में खाद्य वितरण के प्रमुख के रूप में शामिल हुए। बाद में उन्हें 2021 में नए व्यवसायों की देखरेख के लिए सह-संस्थापक के रूप में पदोन्नत किया गया, जब राहुल गंजू को खाद्य वितरण का सीईओ बनाया गया। जोमैटो में शामिल होने से पहले, गुप्ता ट्रैवल पोर्टल मेक माइ ट्रिप के मुख्य परिचालन अधिकारी थे। तकनीकी शेयरों की मंदी के बीच, खाद्य वितरण कंपनी को इस साल सार्वजनिक बाजार में नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि बीएसई पर इसकी कीमत 162 रुपये के उच्चतम स्तर से 50 प्रतिशत से अधिक गिर गई है। बताया जा रहा है कि अब कई अन्य दिग्गज कंपनी के कर्ताधर्ता भी खुद को कंपनी से अलग करके अपनी निजी जिंदगी को सेफ करने में जुटे है। ये तभी मुकिन होगा जब डूबती कंपनी से ये लोग बाहर आ जाएंगे।

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