71st National Film Awards: शाहरुख खान-विक्रांत मैसी बने नम्बर वन, क्या दोनों अवार्ड को करेंगे शेयर

71st National Film Awards News In hindi: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है और इसमें कई कलाकारों और फिल्मों को सम्मानित किया गया है। यहाँ उन सभी विजेताओं के नाम दिए गए हैं, जिनके बारे में जानकारी उपलब्ध है।

  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: शाहरुख खान को उनकी फिल्म ‘जवान’ और विक्रांत मैसी को ’12वीं फेल’ के लिए संयुक्त रूप से यह पुरस्कार मिला है।
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: रानी मुखर्जी को उनकी फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के लिए यह सम्मान दिया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: ’12वीं फेल’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए चुना गया है।
  • सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: ‘कटहल’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला है।
  • सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म (पूर्ण मनोरंजन): करण जौहर की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ को यह अवार्ड मिला है।
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: विजयराघवन को ‘पूकक्कलम’ (मलयालम) के लिए और मुथुपेट्टाई को ‘पार्किंग’ (तमिल) के लिए यह पुरस्कार मिला है।
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: उर्वशी को ‘उल्लोझुक्कु’ (मलयालम) के लिए और जानकी बोडीवाला को ‘वश’ (गुजराती) के लिए यह सम्मान दिया गया।
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: सुदीप्तो सेन को ‘द केरल स्टोरी’ के लिए चुना गया है।
  • सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी: ‘द केरल स्टोरी’ के लिए प्रशांतनु मोहपात्रा को यह अवार्ड मिला है।
  • सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका: फिल्म ‘जवान’ के गीत के लिए शिल्पा राव को यह पुरस्कार दिया गया है।
  • सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक: फिल्म ‘बेबी’ के लिए पीवीएन एस रोहित को यह अवार्ड मिला है।
  • सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक: ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ के लिए दीपक किंगरानी को यह अवार्ड मिला है।

इसके अतिरिक्त, कई क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को भी पुरस्कार मिले हैं:

  • सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म: ‘भगवंत केसरी’
  • सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म: ‘पार्किंग’
  • सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म: ‘उल्लोझुक्कु’
  • सर्वश्रेष्ठ गुजराती फिल्म: ‘वश’

 

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की शुरुआत

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की शुरुआत 1954 में हुई थी। इन पुरस्कारों को शुरू में ‘राजकीय पुरस्कार’ कहा जाता था। यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए थे, जिसका उद्देश्य भारतीय सिनेमा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, और सौंदर्य, तकनीकी मानकों और शैक्षिक व सांस्कृतिक मूल्यों के साथ फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करना था। यह पुरस्कार भारत के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म पुरस्कार समारोहों में से एक हैं, जो भारतीय सिनेमा की विशाल सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करते हैं। 1973 से, ये पुरस्कार भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रशासित किए जा रहे हैं। पहले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में, वर्ष 1953 की फिल्मों के लिए पुरस्कार दिए गए थे। शुरुआती वर्षों में, राष्ट्रपति के दो स्वर्ण पदक, दो योग्यता प्रमाणपत्र और क्षेत्रीय फिल्मों के लिए 12 रजत पदक दिए गए थे।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के बारे में कुछ मुख्य बातें:

  • उद्देश्य: भारतीय सिनेमा में उच्च स्तर की फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करना।
  • प्रशासन: 1973 से फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा, जो सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन है।
  • पुरस्कार श्रेणियां: ये पुरस्कार तीन मुख्य खंडों में दिए जाते हैं: फीचर फिल्म, गैर-फीचर फिल्म और सिनेमा पर श्रेष्ठ लेखन।
  • पुरस्कार: विजेताओं को ‘स्वर्ण कमल’ (गोल्डन लोटस), ‘रजत कमल’ (सिल्वर लोटस), नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
  • दादा साहेब फाल्के पुरस्कार: 1969 में, भारतीय सिनेमा के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सम्मान, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का हिस्सा बन गया।

राष्ट्रपति द्वारा विजेताओं को नई दिल्ली में एक समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

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