होटल-अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजाम पर संशय

नोएडा। लखनऊ में दो होटलों में आग लगने से पांच लोगों की मौत के बाद नोएडा में अग्निशमन विभाग सक्रिय हो गया है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर बड़े होटलों में सुरक्षा मानकों से समझौता किया जाता है। सेक्टर 18 में पांच सितारा एवं 3 सितारा होटल बने हैं, जिसमें सुरक्षा मानकों को दरकिनार करते हुए लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। हालंाकि अग्निशमन विभाग की आर से एनओसी जारी की गई है।
‘जय हिंद जनाब टीम ने नोएडा में बने होटल एवं गेस्ट हाउस की पड़ताल की तो पता चला कि ज्यादातर होटल और गेस्ट हाउस आग बुझाने के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। अग्निशमन विभाग से जुगाड़ कर एनओसी लेने के बाद ये होटल मालिक उसको उसी हालत में छोड़ देते हैं। ताकि उपकरणों में ज्यादा पैसा लगाना न पड़े।यही हाल शहर के अस्पतालों का भी है। कुछ अस्पतालों में उपकरण लगे हुए जरूर दिखते हैं मगर इनके चलने की गारंटी नहीं है। अग्निशमन विभाग के अधिकारी कुछ अस्पतालों में चेकिंग भी करते हैं, लेकिन अस्पताल मालिकों की ऊंची पहुंच के आगे वे बेबस नजर आते हैं।इतना ही नहीं अग्निशमन विभाग पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगते हैं। जरूरत है कि आग बुझाने के उपकरणों को अग्निशमन विभाग की ओर से बीच-बीच में जांचा जाए ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ न हो।उल्लेखनीय है कि सेक्टर 11 स्थित एफ ब्लाक में कंपनी में लगी आग से पांच लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में कई सीएफओ नप गए। कई एफएसओ के खिलाफ जांच हुई और एक एफएसओ को हटाने के लिए आईजी ने रिकमेंड किया मगर अब तक मामला जस का तस बना है।
होटल, अस्पताल व मॉल्स में नियमित रूप से चेकिंग की जा रही है। जहां भी खामियां मिल रही है उन्हें नोटिस देकर दुरूस्त कराने की कवायद की जा रही है।
– अरूण कुमार सिंह, सीएफओ

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