नई दिल्ली। राम मंदिर पर प्रधानमंत्री के बयान के बाद विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने मोर्चा खोल दिय है। वीएचपी कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने कहा कि धर्मसंसद में तय होगा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अगला रास्ता क्या होगा। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं कर सकते। उचित यह होगा कि संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग अभी प्रशस्त किया जाए। परिषद इस मांग के पूरा होने तक लगातार आवाज उठाती रहेगी। राम मंदिर निर्माण में आगे उठाए जाने वाले कदम का फैसला 31 जनवरी और एक फरवरी को प्रयागराज में कुंभ के मौके पर आयोजित धर्मसंसद में लिया जाएगा। उसी में यह तय होगा कि इस मांग को पूरा कराने के लिए और कौन से कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मंदिर मामला लंबे समय से कोर्ट में लटका है। यह मामला 69 वर्ष से फंसा है। सुप्रीम कोर्ट में अभी तक जजों की बेंच भी नहीं बनी है। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान के हिसाब से मंदिर निर्माण की बात की है, इस पर वीएचपी का क्या कहना है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम अपना प्रयास जारी रखेंगे ताकि पीएम मोदी समेत सत्ता में बैठे लोगों का मन बदल सकें। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकते।
राजनीति में भूचाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर पर आए बयान से राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने इस मामले पर पीएम पर तंज कसा है तो विश्व हिंदू परिषद ने चेतावनी दे डाली है। आरएसएस ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री से अध्यादेश लाने की मांग की है। सहयोगी दल भी कह रहे हैं कि पीएम की कथनी और करनी में अंतर आ रहा है। अलग-अलग राजनीतिक दल अलग-अलग तरीके से सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं।